2016-03-09 13:55:00

कलीसिया की स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा पर धर्माध्यक्षों की चर्चा


बैंगलोर, बुधवार, 9 मार्च 2016 (ऊका) बैंगलोर में चल रही भारत की काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की 32 वीं धार्मिक आम सभा के तीसरे दिन की शुरूआत पवित्र ख्रीस्तयाग द्वारा हुई जिसका अनुष्ठान सीरो मालाबार रीति के कार्डिनल जोर्ज आलेंचेरी ने किया।

 सुबह के सत्र में सीबीसीआई के 14 आयोगों और छह राष्ट्रीय केन्द्रों में चल रही विभिन्न गतिविधियों का मूल्यांकन किया गया। भारत के 180 धर्माध्यक्षों के सामने आयोगों के सचिवों ने पिछले दो वर्षों से चल रही विभिन्न गतिविधियों की रिपोर्ट पेश की। उनमें कारितास इंडिया, कलीसिया के समाज सेवा केन्द्रों,  बैंगलोर के संत जोन्स मेडिकल कॉलेज और अन्य राष्ट्रीय संस्थानों की गतिविधियाँ शामिल थीं।

कारितास इंडिया के निर्देशक फादर फ्रेडरिक डी. सूजा ने कहा, कारितास इंडिया ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ प्रभावित लोगों को और हाल ही में तमिलनाडु और पांडिचेरी में आवश्यक राहत प्रदान की। नेपाल में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद अभी भी की जा रही है, कारितास कई सामाजिक कार्यों, स्वास्थ्य देखभाल, भारत में विकास और क्षमता निर्माण आदि कार्यक्रम चला रही है। इनमें मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, जैविक खेती, आपदा प्रबंधन, आदिवासी अधिकारों को सुनिश्चित करना, तथा घरेलु कार्यकर्ताओं की मदद करना आदि भी शामिल हैं।

संत जोन्स  नेशनल एकेडमी स्वास्थ्य विज्ञान, बैंगलोर के निदेशक फादर पोल पाराथायम ने बताया कि संत जोन्स मेडिकल कॉलेज में एक छत के नीचे स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल हेतु सस्ती, गुणवत्तापूर्ण  और व्यापक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।  यह सभी मरीजों की, विशेष रुप से, दलित और उपेक्षितों की आवश्यकताओं को जाति धर्म और रंग भेद किये बिना, ख्रीस्तीय मूल्यों के अनुसार उचित दामों पर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने का पूरा प्रयास करती है

धर्माध्यक्ष थेयोदोर मैस्करेनहास, एस. एफ. एक्स. ने सीबीसीआई आम सभा को सूचित किया कि बैंगलोर के संत जोन मेडिकल कॉलेज के समान राँची जिले के मांडर में “ कोंन्सटाँट लीवन्स अकादमी स्वास्थ्य विज्ञान और अस्पताल ” शुरु किया जा रहा है ।
विभिन्न आयोगों की गतिविधियों के मूल्यांकन के बाद, धर्माध्यक्षों ने संतोष व्यक्त किया और गतिविधियों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।








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