2016-03-07 16:06:00

शहीद मिशनरीस ऑफ चैरिटी सिस्टरों में झारखण्ड की एक सिस्टर सीसिलिया


झारखण्ड गुमला, सोमवार,07 मार्च 2016 (उकान न्यूज) यमन के वृद्ध आश्रम में सेवारत चार शहीद मिशनरीस ऑफ चैरिटी धर्मसमाज की सिस्टरों में से एक आदिवासी सिस्टर सीसिलिया मिंज भारत के झारखण्ड राज्य गुमला जिले की थी।

शहीद सिस्टर सीसिलिया मिंज का जन्म झारखण्ड की राजधानी राँची से 180 कि.मी की दूरी में स्थित बन्दराकुटलू गाँव में हुआ था। उन्होंने 20 साल की उम्र में आज से करीब चालीस साल पहले मिशनरी ऑफ चैरिटी धर्मसमाज में प्रवेश किया था। शहीद सिस्टर के बड़े भाई 80 वर्षीय भिन्सेन्ट मिंज जो पहले प्रचारक का काम करते थे, ने बतलाया कि उन्होंने अपनी बहन को धर्मसमाज के लिए उस समय अर्पित कर दिया जब वह अपने घर के निकट कुआँ में डूबने से बची थी। उन्होंने कहा कि परिवार के छः बच्चों में सिस्टर सीसिलिया सबसे से छोटी और एक मात्र बहन थी।

उन्होंने कहा, “मैंने सोचा की ईश्वर ने उसे जीवन दिया है यह जीवन उनकी सेवा में समर्पित की जानी चाहिए। अतः मैंने उसे अपने साथ लेकर धर्मसमाज को अर्पित कर दिया।” अपनी प्यारी बहन की याद करते हुए उन्हें बतालाया कि जव सीसिलिया छोटी थी तो कुछ खाते और खेलते हुए कुआँ में गिर गई थी। उसके बचाये जाने के कुछ साल बाद उन्होंने अपने पिता से इस बात को छुपाकर सीसिलिया को यह कहते हुए कि हम राँची पढ़ाई हेतु जा रही हैं चैरिटी धर्मसमाज के अधिकारियों के हाथों सौंप दिया।

धर्मसमाज में सिस्टर सीसिलिया को “अनसेलेम” नाम मिला जो पहले कलकता और उसके बाद अमरीका, ईराक, रोम, जोर्डन और अन्ततः यमन में प्रभु के प्रेरितिक कार्यों में संग्लन थी।

गुमला धर्मप्रान्त के प्रतिधर्माप्रान्त फादर सिपिरियन कुल्लू ने बतलाया की सिस्टर के परिवार वालों को शाहादत की निशानी उनके रक्तरंजित परिधान मुहैया कराने के प्रयास किये जायेंगे।

ज्ञात हो कि यमन में मिशनरी ऑफ चैरिटी धर्मसमाज द्वारा संचालित एक वृद्ध आश्रम में हुए 4 मार्च को एक हिंसक आक्रमण में 16 लोगों की गोली मार कर निर्मम हत्या कर दी गई जिनमें चार मिशनरी ऑफ चैरिटी धर्मसमाज में सेवारत सिस्टर्स थीं। 








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