2016-03-05 15:26:00

दलित ईसाइयों ने जेसुइट सुपीरियर जनरल को ज्ञापन सौंपा


नई दिल्ली, शनिवार, 5 मार्च 2016 (ऊकान): भारत की दलित काथलिकों ने जेस्विट सोसाईटी के शीर्ष अधिकारी फादर अडोल्फो निकोलास को उनकी भारत यात्रा पर एक शिकायत पत्र प्रस्तुत किया है।

फादर अडोल्फो निकोलास इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं और इस दौरान उन्होंने 27 फरवरी को तमिलनाडु के दलित ख्रीस्तीय लिबरेशन मूवमेंट के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जहाँ उन्हें एक ज्ञापन सौंपा गया।

दलित ख्रीस्तीय लिबरेशन मूवमेंट के अध्यक्ष मेरी जोन ने कहा कि उन्होंने ज्ञापन जेस्विट सोसाईटी के शीर्ष फा. निकोलास को इसलिए सौंपा क्योंकि जेस्विट सोसाईटी कलीसिया की एक बड़ी संस्था है और संत पापा भी इसी धर्मसमाज के सदस्य हैं।

उन्होंने कहा, ″वे काथलिक कलीसिया एवं विश्व में एक बड़ी भूमिका अदा करते हैं अतः यदि वे हमारी समस्याओं को आगे बढ़ायेंगे तो कलीसिया में इसकी सुनवाई अवश्य होगी क्योंकि यह एक सही चैनल है।″ 

गौरतलब है कि भारत में दलित अथवा अछूत कहे जाने वाले लोग, हिन्दू समाज के सबसे निचले वर्ग में गिने जाते रहे हैं। यद्यपि इस समुदाय की एक बड़ी संख्या ने अब ख्रीस्तीय एवं इस्लाम धर्म अपना लिया है तथापि यथार्थ में धर्म इन्हें सामाजिक पूर्वाग्रह से बचने हेतु सीमित सुरक्षा ही प्रदान की है।

दलित ख्रीस्तीयों ने भारत की काथलिक कलीसिया से बार-बार मांग की है कि जाति के कारण कब्रस्थान में दफनाने एवं गिरजाघरों में बैठने हेतु उनके साथ भेदभाव न किया जाय।

अनुबंधपत्र में प्रतिनिधियों ने अपील की है कि देशभर के दलितों की नीतियों को मजबूती प्रदान किया जाए।

दलित ख्रीस्तीय लिबरेशन मूवमेंट ने गत वर्ष संयुक्त राष्ट्रसंघ को वाटिकन के विरूद्ध एक शिकायत दर्ज की थी तथा उसपर आरोप लगाया था कि भारत की काथलिक कलीसिया में जाति के कारण भेदभाव को दूर करने के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं दे रही है।








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