2016-03-03 09:19:00

प्रेरक मोतीः सन्त कैथरीन ड्रैक्सल (1858-1955 ई.)


वाटिकन सिटी, 03 मार्च सन् 2016

कैथरीन ड्रैक्सल का जन्म अमरीका के फिलडेलफिया में, सन् 1858 ई. में, एक धनवान परिवार में हुआ था। बाल्यकाल से ही कैथरीन परोपकारी भावना से परिपूरित रही थी जिसके कारण पड़ोसी एवं ईश्वर के प्रति प्रेम में वे विकसित होती गई। अमरीकी समाज में अश्वेतों एवं मूल अमरीकी लोगों के विरुद्ध भेदभाव को वे सहन नहीं कर पाती थी तथा उनके कल्याण के लिये कुछ करने की अभिलाषा उनके मन में बनी रही थी।

अमरीकी समाज के तिरस्कृत अश्वेतों एवं अधिकार-विहीन अमरीकी जनजाति के लोगों की सहयता हेतु पहले तो उन्होंने आर्थिक मदद शुरु की। अपनी कमाई के सारे पैसे वे इन्हीं लोगों के कल्याण के लिये दान कर दिया करती थी किन्तु बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वह पर्याप्त नहीं था। दान करना ठीक था किन्तु समाज के पिछड़े वर्ग के प्रति सकारात्मक भावनाओं को प्रोत्साहन देना तथा उनके प्रति तत्कालीन अमरीकी समाज की मानसिकता को रचनात्मक रूप से परिवर्तित करना एक महान चुनौती थी। इस चुनौती का सामना करने के लिये कैथरीन ने पवित्र यूखारिस्तीय संस्कार को समर्पित एक धर्मसंघ की स्थापना की। इस धर्मसंघ के सदस्यों का मिशन पवित्र यूखारिस्त की भक्ति के साथ-साथ अश्वेतों एवं अमरीकी जनजातियों के उत्थान हेतु सेवा अर्पित करना था।

33 वर्ष की आयु से लेकर, सन् 1955 ई. में, अपनी मृत्यु तक, कैथरीन ने इसी मिशन के प्रति  अपना जीवन समर्पित रखा। अपने परिवार से दायभाग में मिले दो करोड़ डॉलर भी उन्होंने धर्मसंघ के मिशन के लिये खर्च कर दिये। सन् 1894 ई. में मदर कैथरीन ड्रैक्सल ने सान्ता फे तथा न्यू मेक्सिको में अमरीकी जानजातियों के लिये पहले मिशन स्कूलों की स्थापना की। इन दो स्कूलों के बाद नित्य-नये स्कूल खुलते रहे। मिस्सिप्पी नदी के पश्चिमी तट पर अमरीकी जनजातियों के लिये तथा अमरीका के दक्षिणी भाग में अश्वेतों के लिये नये स्कूलों की स्थापना की गई। इसी श्रंखला में, सन् 1915 ई. में, उन्होंने न्यू ऑरलीन्स में ज़ेवियर विश्वविद्यालय की नींव रखी।

सन् 1955 ई. में अमरीका के अश्वेतों एवं प्रताड़ितों की माता नाम से विख्यात, मदर कैथरीन ड्रैक्सल का निधन हो गया था। उनकी मृत्यु के समय सम्पूर्ण अमरीका के विभिन्न क्षेत्रों में 500 धर्मबहनें, 63 स्कूलों में, शिक्षा प्रदान करने का अनुपम कार्य कर रही थीं। मदर कैथरीन ड्रैक्सल  के विश्वास प्रेरित जीवन एवं अमरीका के प्रताड़ितों के प्रति उनकी निःस्वार्थ सेवा के लिये, सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने, 20 नवम्बर, सन् 1988 ई. को उन्हें धन्य तथा पहली अक्टूबर, सन् 2000 को सन्त घोषित कर, कलीसिया में, वेदी का सम्मान प्रदान किया था। सन्त कैथरीन ड्रैक्सल  का पर्व 03 मार्च को मनाया जाता है।

चिन्तनः "सद्गुण की स्मृति बनी रहती है। ईश्वर और मनुष्य, दोनों उसका सम्मान करते हैं। जब तक सद्गुण विद्यमान है, लोग उसका अनुसरण करते हैं। जब वह चला जाता है, तो लोग उसकी अभिलाषा करते हैं। परलोक में उसकी शोभा-यात्रा मनायी जाती है, जिसमें वह विजय का मुकुट पहन कर चलता है; क्योंकि उसे अविनाशी पुरस्कारों की प्रतियोगिता में सफलता मिली है" (प्रज्ञा ग्रन्थ 04: 1-2)।  








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