2016-03-02 11:36:00

प्रेरक मोतीः धन्य चार्ल्स द गुड (1083-1127)


वाटिकन सिटी, 02 मार्च सन् 2016:

काथलिक कलीसिया धन्य चार्ल्स द गुड का पर्व 02 मार्च को मनाती है। ओडेन्स के सन्त आलबन गिरजाघर में, धन्य चार्ल्स द गुड के पिता तथा डेनमार्क के राजा सन्त कानूत को, सन् 1086 ई. में मार डाला गया था। इस हादसे के उपरान्त चार्ल्स की माता नन्हें चार्ल्स को लेकर उनके नाना, फ्लेडर्स के सामंत रॉबर्ट के यहाँ चली गई थी।

जब चार्ल्स बड़े हुए तब वे अपने नाना के साथ पवित्र भूमि में क्रूस युद्ध के लिये गये जहाँ उनकी प्रवीणता एवं कार्य क्षमता प्रकाश में आई; नाना के साथ ही चार्ल्स ने अँग्रेज़ों के विरुद्ध लड़ाई में भी भाग लिया। रॉबर्ट के निधन पर उनके सुपुत्र बॉल्डविन गद्दी पर बैठे तथा उन्होंने चार्ल्स को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने क्लेयरमॉन्ट के काऊन्ट की सुपुत्री के साथ चार्ल्स के विवाह की भी व्यवस्था की।

बॉल्डविन के शासनाधीन, चार्ल्स उनके बहुत क़रीब सहयोगी थे, तथा लोग उनकी बुद्धिमता, विवेक, सूझ-बूझ और साथ ही उनकी व्यक्तिगत पवित्रता के कारण उनका बहुत आदर किया करते थे।  सन् 1119 ई. में बॉल्डविन के निधन के बाद, लोगों ने चार्ल्स को अपना शासक नियुक्त कर दिया।

चार्ल्स ने विवेक, प्रज्ञा तथा दया के साथ अपने लोगों पर शासन किया। उन्होंने यह सुनिश्चित्त रखा कि सन्धि और युद्ध विराम की सभी शर्तों का पालन किया जाये। काला बाज़ारी करनेवालों के विरुद्ध वे संघर्ष करते रहे जो खाद्य पदार्थों को जमा कर उन्हें ऊँचे दामों में बेचा करते थे। इस वजह से उनके कई शत्रु भी खड़े हो गये जिन्होंने घात लगाकर उन्हें मारने का षड़यंत्र रचा। सन 1127 ई. में, एक दिन जब चार्ल्स दोनात्सियान गिरजाघर में प्रार्थना कर रहे थे वे उनपर टूट पड़े तथा उन्हें मौत के घाट उतार दिया। धन्य चार्ल्स द गुड़ यानि भले चार्ल्स का पर्व दो मार्च को मनाया जाता है।     

चिन्तनः प्रभु! तू मेरे अभियोक्ताओं पर अभियोग लगा, मेरे आक्रामकों पर आक्रमण कर। ढाल संभाल और कवच पहन ले; उठ कर मेरी सहायता कर।  भाला उठा कर मेरा पीछा करने वालों का मार्ग रोक। मुझे यह आश्वासन दे कि तू मेरा उद्धारक है। जो मेरे प्राणों के ग्राहक हैं, वे निराश और कलंकित हों। जो मेरी दुर्गति चाहते हैं, वे लज्जित हो कर पीछे हटें। जब प्रभु का दूत उन्हें भगा देगा, तो वे पवन द्वारा छितरायी भूसी के सदृश होंजब प्रभु का दूत उनका पीछा करेगा, तो उनका मार्ग अन्धकारमय और पिच्छल हो। उन्होंने अकारण मेरे लिए जाल बिछाया, अकारण मेरे लिए चोरगढ़ा खोदा है। उनका अचानक सर्वनाश हो। जो जाल उन्होंने बिछाया, वे उस में फंसे। जो चोरगढ़ा उन्होंने खोदा, वे उस में गिरें।  तब मैं प्रभु के कारण आनन्द मनाऊँगा; उसकी सहायता के कारण मैं उल्लसित हो उठूँगा (स्तोत्र ग्रन्थ 35: 1-9)।  








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