2016-03-01 11:49:00

राजनीति के कारण भोपाल गैस काण्ड पीड़ितों नहीं मिला न्याय


भोपाल, मंगलवार, 1 मार्च 2016 (ऊका समाचार): भोपाल के काथलिक महाधर्माध्यक्ष लियो कॉरनेलियो ने मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं के साथ आवाज़ मिलाते हुए भारतीय सरकार का आह्वान किया है कि वह सन् 1984 के भोपाल गैस काण्ड से पीड़ित लोगों की अतिरिक्त क्षतिपूर्ति के लिये की गई याचिका की प्रक्रिया को गति प्रदान करे।

ऊका समाचार से महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "भोपाल गैस काण्ड के सम्पूर्ण मामले के राजनीतिकरण के कारण तीन दशकों के बाद भी पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया है।"

02 दिसम्बर, सन् 1984 को, भोपाल की यूनियन कारबाईड कम्पनी से लगभग 40 टन ज़हरीली गैस के रिसाव से, अनुमानतः 5,300 लोगों की मृत्यु हो गई थी तथा पाँच लाख लोग घायल हो गये थे। मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं के अनुसार गैस काण्ड के बाद हुए पर्यावरणीय प्रदूषण से लगभग 25,000 और लोगों के प्राण चले गये हैं।

महाधर्माध्यक्ष कॉरनेलियो ने कहा, "समय आ गया है कि सरकार एवं सभी हितधारक एक साथ मिलकर पीड़ितों के पक्ष में मुद्दे का समाधान ढूँढ़े।" उन्होंने कहा न्यायिक लड़ाईयाँ लड़ने से कोई अनजाम नहीं मिलनेवाला क्योंकि ये पीड़ितों के लिये कुछ नहीं कर रहीं हैं जो प्रतिदिन मर रहे हैं।" 

भोपाल गैस काण्ड से पीड़ित लोगों के अतिरिक्त मुआवज़े की याचिका विगत पाँच वर्षों से भारत के सुप्रीम कोर्ट में लम्बित है। इस याचिका पर तुरन्त कार्रवाई किये जाने के लिये मानवाधिकार कार्यकत्त्ओं ने 25 फरवरी से एक अभियान शुरु किया है। इसी के दूसरे दिन महाधर्माध्यक्ष लियो कॉरनेलियो ने अपनी प्रतिक्रिया दर्शाई।

सन् 1989 में अमरीका की यूनियन कारबाईड कम्पनी ने अदालत के बाहर एक निपटारे में भारतीय सरकार को मुआवज़े के रूप में 47 करोड़ अमरीकी डॉलरों का भुगतान किया था। 








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