2016-02-29 14:59:00

सेओल, कोरियन शहीदों के तीर्थस्थल के पवित्र द्वार खुले


सेओल, सोमवार, 29 फरवरी 2016, (फिदेस) सेओल महाधर्माप्रान्त की कोरियाई काथलिक कलीसिया ने बाइगोंग-इन के नाम से विख्यात ख्रीस्तीय विरोधी अत्याचार की 150 वीं वर्षगाँठ मनाने हेतु कोरियन शहीदों को समर्पित तीर्थस्थलों के तीन पवित्र द्वारों को खोला।

मियोंगदोंग के महागिरजा में शहीदों के नाम इस वर्ष को समर्पित करते हुए महाधर्माप्रान्त के महाधर्माध्यक्ष कार्ड अन्द्रेयस योम सू-जुंग ने ख्रीस्तीयाग प्रवचन में कहा, “150 वर्षों पूर्व के काथलिकों के विश्वास की तुलना में धार्मिक स्वत्रंतता के बावजूद आज हमारा विश्वास कमजोर जान पड़ता है अतः हम अपने पूर्वजों के विश्वास की याद करें जिन्होंने अति कठिन और दर्दनाक परिस्थितियों में भी अपने विश्वास को बनाये रखा।”  

ज्ञात हो कि बाईयोंग-इन धर्मसतावट की शुरूआत 23 फरवरी 1866 को हुई थी जहां कोरिया के शासक ने देश के करीब 9000 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था क्योंकि वे कन्फूसियस की शिक्षा के विपरीत ख्रीस्तीय विश्वास के अनुरूप समाज में समानता के संदेश को बढ़ा दे रहे थे।

23 फरवरी उद्घाटन समारोह में करीबन 2000 विश्वासियों की उपस्थिती में तीन धर्मप्रान्तों के तीर्थस्थल द्वार जो शहीदों के नाम समर्पित हैं जेवोदुसान मावोसेलुम, साएनामतोओ तीर्थ और याकेयोन काथलीक गिरजा के द्वारों के खोला गया।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा, “हम बीते दिनों की याद किये बिना आगे नहीं बढ़ सकते। ईश्वर हमें शहीदों के उदाहरण पर चलकर, अपना सेवा का जीवन जीने हेतु हमारी सहायता करें।”








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