2016-02-25 15:33:00

काथलिक संस्थाएँ देशों के बीच शांति को बढ़ावा देती हैं


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 25 फरवरी 2016 (न्यूज़ भा): वाटिकन के कूटनैतिक प्रतिनिधि मोन्सियोर सिमोन कास्सास ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए विश्व में संघर्ष के पश्चात् शांति निर्माण में काथलिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

न्यूयॉक में वाटिकन के संयुक्त राष्ट्रसंघ में स्थायी पर्यवेक्षक के प्रथम सचिव मोन्सियोर सिमोन कास्सास ने मंगलवार को अपने वक्तव्य में कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के अधीन होने के कारण परमधर्मपीठ ने हमेशा ही राष्ट्रों के बीच शांति को प्रोत्साहन देते हुए, संयुक्त राष्ट्रसंघ के कार्यों में भाग लिया है जबकि स्थानीय कलीसियाएँ राष्ट्रीय स्तर पर मेल-मिलाप के कार्य में महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।″

उन्होंने कहा कि कलीसिया सहित अन्य आस्थाओं पर आधारित संगठन एवं गैरसरकारी संगठन उन प्रांतों एवं देशों में जहाँ युद्ध और संघर्ष की स्थिति है शांति और पुनःनिर्माण हेतु अगुआ का काम किया है।

विदित हो कि बेनेजुएला के प्रतिनिधियों की ओर से प्रायोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए ‘संघर्ष के बाद शांति निर्माण’ विषय पर, 23 फरवरी को एक खुला विवाद का आयोजन किया गया था।

मोन्सियोर सिमोन कास्सास ने कहा कि परमधर्मपीठ तथा विश्व भर की काथलिक संस्थाओं के कार्य, हथियारों के सीमित प्रयोग की संयुक्त राष्ट्रसंघ के तर्क के अनुकूल है। यह शांतिपूर्ण सहअस्तित्व हेतु सेतु निर्माण के लिए वार्ता एवं समझौता के सिद्धांत का पूर्ण समर्थन करता है।








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