2016-02-20 16:21:00

धार्मिक चरमपंथ के खिलाफ विभिन्न धर्मों के युवाओं का सम्मेलन


मुम्बई, शनिवार, 20 फरवरी 2016 (न्यूज़ भा): ″विविधता में एकता तथा सभी धार्मिक चरमपंथियों की निंदा″ ये थीं विभिन्न धर्मों के 500 युवाओं की मुम्बई में आयोजित सभा की विषयवस्तु।

संत पौल की पुत्रियों का अन्य संस्थाओं एवं स्कूलों के साथ एक संयुक्त युवा सम्मेलन में, धार्मिक चरमपंथ मानवता एवं सृष्टि के लिए एक खतरा पर चिंतन किया गया।

फिदेस की जानकारी अनुसार सम्मेलन में कहा गया कि अनेकता में एकता को प्रोत्साहन देने तथा शांति एवं न्याय की स्थापना करने के लिए युवा ही एक कुँजी है। सम्मेलन का उद्देश्य एक-दूसरे से सीखना तथा विभिन्न धर्मानुयायियों के आपसी आदान-प्रदान द्वारा एक-दूसरे की परम्पराओं, मूल्यों, विचारों तथा अनुभवों से शिक्षा प्राप्त करना था।

सोफिया कॉलेज की प्राचार्य सि. अनन्दा अमरीतमाहाल ने कहा, ″हमें एक बेहतर भारत का निर्माण करना है, एक बेहतर विश्व के निर्माण की आवश्यकता है।″ उन्होंने धार्मिक चरमपंथियों के संदर्भ में  कहा कि इसका प्रभाव समाज पर पड़ता है क्योंकि यह एक ऐसा विश्वास जिसे बिना तर्क अपनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी मानव सृष्टिकर्ता की नज़रों में समान हैं, यद्यपि, सृष्टिकर्ता से जुड़ने में उनके तरीके अलग हो सकते हैं।

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान करें तथा धर्म के नाम पर प्रतिस्पर्धा की भावना से बचें।








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