2016-02-15 15:51:00

एकातेपेक में देवदूत प्रार्थनाः कृतज्ञ बने रहें


मेक्सिको 15 फरवरी, सोमवार (सेदोक)-  मेक्सिको की 6 दिवसीय प्रेरितिक दौरे के दूसरे दिन संत पापा फ्रांसिस ने एकातेपेक के शिक्षा संस्थान केन्द्र में देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और वहाँ उपस्थित लोगों को अपना संदेश देते हुए कहा, प्रिय भाइयो और बहनों

इस रविवार के पहले पाठ में मूसा ने अपने लोगों को एक निर्देश दिया। फसल कटनी के समय, प्रचुर मात्रा में धरती की पहली उपज को देखकर, अपने शुरु के दिन को न भूलें। कृतज्ञता वह चीज है जो उन लोगों में जन्म लेती और बढ़ती है, जो याद करने में सक्षम हैं। इसकी जड़ अतीत में है जो अच्छे और बुरे समय द्वारा वर्तमान को आकृति प्रदान करती है। हम ईश्वर को इस धरती के लिए धन्यवाद देते है जो हमें भोजन प्रदान करती है। मूसा अपने लोगों को उन कठिन परिस्थियों को एक-एक कर याद दिलाना चाहते हैं जिनका सामना उन्होंने अतीत में किया था। (विधि वि.26.5-11) 

संत पापा ने कहा कि प्रभु कितने भले हैं उन्होंने हमें आज का दिन उल्लसित होने के लिये दिया है। आइए, हम प्रभु को इस सुन्दर अवसर के लिए धन्यवाद दें, जिसने हम सब को यहाँ एकत्रित किया है। हम हमारे प्रथम फल हमारे बाल-बच्चों, हमारे नाती-पोतों, हमारे सपनों, हमारी योजनाओं, हमारी संस्कृति, हमारी भाषा और परंपराओं को ईश्वर के सामने लायें। आप प्रत्येक जन यहाँ तक पहुँचने के लिए दुःख उठाते हुए चलकर आये हैं ताकि इस दिन के धन्यवादी समारोह में भाग ले सकें।

आज मूसा के आमंत्रण पर उन लोगों की भांति हम भी याद करना चाहते हैं और उन लोगों के समान बनना चाहते हैं जिन्होंने ईश्वर की उपस्थिति को अपने बीच अनुभव किया और मधुर स्मृति को अपनों के बीच जीवित रखा। हम हमारे बच्चों से यही अपेक्षा करते हैं कि वे न सिर्फ हमारी धरती, परम्परा और संस्कृति के उतराधिकारी बने अपितु उस जीवित विश्वास के भी उतराधिकारी बने और हमेशा याद रखें कि ईश्वर उनकी धरती से होकर गुजरे हैं। मैं भी आपको साथ देना चाहता हूँ आपके जीवन की उस मधुर क्षण की याद करने के लिए जब ईश्वर आपके जीवन से होकर गुजरे। जब मैं आपके बच्चों को देखता हूँ धन्य पापा पौल 6वें की वे बातें मेरे मन में आती हैं जिसे उन्होंने मेक्सिको वासियों से ग्वादालूपे की माता के मुकुट धारण के 75वें सालगिरह के अवसर पर कहा था।

एक ख्रीस्तीय वह है जिसमें एकजुटता हो, जो दुसरों की उस परिस्थिति का समाधान कर सके जिन्हें अच्छा संस्कार नहीं मिला या अच्छी नौकरी का सुअवसर न मिला हो। वह निष्क्रिय नहीं रह सकता जब तक नई पीढ़ी अपनी तर्कसंगत प्रेरणा को वास्तविक बनाने का मार्ग न ढूँढ़ पाये। वह हमेशा दूसरों को आमंत्रित करता है सदा हर प्रकार के प्रयास में आगे रहता...दुख की परिस्थिति से उपर उठने का अवसर देता..हर व्यक्ति में भाई को देखता और हर भाई में ख्रीस्त को।

संत पापा ने लोगों को निमंत्रण देते हुए कहा, आज मैं पुनः आप लोगों को पहली पंक्ति में होने के लिए आमंत्रित करता हूँ उन सभी चीजों की पहल करने के लिए जिससे मेक्सिको की पवित्र भूमि को विकसित होने का सुअवसर मिले। जहाँ लोग अपने सपने को साकार बनाने के लिए दूसरे देश में पलायन न करें। काम के लिए कोई दूसरों का शोषण न करे।   कुछ लोगों के फायदे के लिए बहुतों को गरीब और निराश न बनायें। इस धरती को उन स्त्री पुरुषों, युवाओं और बच्चों के लिए और विलाप नही करना होगा जो मृत्यु के ठेकेदारों के हाथों नष्ट हो जाते हैं।

य़ह धरती ग्वादालुपे की सुगंध से भरी है। आइए हम उनसे प्रार्थना करेः और संत पापा ने छोटी प्रार्थना कर अपना संदेश समाप्त किया।

Sr. Anugrah Minj








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