2016-02-08 17:11:00

देवदूत प्रार्थना के पूर्व दिया गया संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 8 फरवरी 2016 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 7 फरवरी को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,

″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात,

इस रविवार का सुसमाचार पाठ संत लूकस द्वारा येसु के प्रथम शिष्यों के बुलावे को प्रस्तुत करता है। (लूक.5:1.11) वास्तव में यह घटना हमारे दैनिक जीवन की पृष्ठभूमि पर आधारित है। इसमें गलीलिया झील के तट पर कुछ मछवारों का दृश्य है जो रात भर मेहनत करने के बावजूद कुछ अर्जित नहीं कर पाये, वे अब अपने-अपने जाल धोकर उसे बंद करने में लगे थे। येसु उन में से एक की नाव पर चढ़े जिनका नाम सिमोन था और जो पेत्रुस कहलाता था। येसु वहाँ एकत्र लोगों को शिक्षा देने लगे। उपदेश समाप्त करने के बाद उन्होंने सिमोन से कहा, नाव गहरे पानी में ले चलो और मछलियाँ पकड़ने के लिए अपने जाल डालो। सिमोन ने उत्तर दिया, ″गुरूवर, रातभर मेहनत करने पर भी कुछ नहीं पकड़ सके परन्तु आपके कहने पर मैं जाल डालूँगा।″ (पद.5) उसका यह विश्वास उसे निराश नहीं किया बल्कि जाल में इतनी अधिक मछलियाँ फंस गयीं कि जाल फटने को हो गया। (पद.6)

संत पापा ने कहा कि इस असाधारण घटना के कारण मछवारे विस्मित हो गये थे। सिमोन ने येसु के चरणों पर गिरकर कहा, ″प्रभु मेरे पास से चले जाइये मैं तो पापी मनुष्य हूँ।″ (पद.8) इस चमत्कार के कारण उन्हें मालूम हो गया है कि येसु न केवल एक गुरु हैं जिनका वचन सच्चा और प्रभावशाली है किन्तु वे प्रभु हैं वे ईश्वर द्वारा भेजे गये हैं। उनकी उपस्थिति में पेत्रुस को अपने कमजोर और अयोग्य होने का गहरा एहसास हुआ। संत पापा ने कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से क्या आप सोचते हैं कि पापी और संतों के बीच खाई है। वास्तव में, उसके अपने पापमय स्थिति ने यह मांग की कि प्रभु उससे दूर न चला जाए, उसी तरह जिस तरह कि एक डॉक्टर को बीमार व्यक्ति के पास होना चाहिए।

येसु ने सिमोन पेत्रुस की स्थिति को समझते हुए उत्तर दिया, ″डरो मत, अब से तुम मनुष्यों को पकड़ा करोगे।″(पद.10) इस तरह गलीलिया के मछवारों ने येसु के वचनों पर विश्वास करते हुए अपना सबकुछ छोड़कर येसु जो उनके गुरु एवं प्रभु थे उनके पीछे हो लिया। याकूब और योहन ने भी ऐसा ही किया।

संत पापा ने कहा कि येसु का मिशन तथा कलीसिया की प्रेरिताई इसी से प्रेरणा पाती है कि वह स्त्री और पुरूषों को पकड़े, धर्मांतरण के लिए नहीं किन्तु पापों की क्षमा द्वारा उसकी पूर्ण प्रतिष्ठा एवं स्वतंत्रता को पुनः प्रदान करने के लिए। यही ख्रीस्तीयों का मूल मनोभाव है, ईश्वर प्रदत्त नव जीवन एवं बेशर्त प्रेम का प्रचार करना, स्वीकार करने का मनोभाव रखना तथा सभी के प्रति करुणा का भाव रखना क्योंकि ईश्वर की कोमलता से सभी मिल करते हैं और जीवन की परिपूर्णता को प्राप्त कर सकते हैं। मेल-मिलाप संस्कार के लिए समर्पित दो संतों संत लेओपोल्द तथा पाद्रे पीओ ने यही किया, उन्होंने येसु का अनुसरण करते हुए ईश्वर की करुणा का प्रचार किया।

संत पापा ने कहा कि आज का सुसमाचार पाठ हमें चुनौती देता है कि क्या हम प्रभु के वचनों पर सचमुच विश्वास करते हैं अथवा अपनी असफलताओं में निराश हो जाते हैं? करुणा के इस पवित्र वर्ष में हम उन लोगों को सान्तवना देने के लिए बुलाये गये हैं जो अपने को प्रभु के सामने पापी एवं अयोग्य महूसस करते हैं। हम उनके लिए येसु के शब्द ‘डरो मत’ को दुहरायें तथा यह बतलायें कि पिता की करुणा हमारे पापों से बढ़कर है। धन्य कुँवारी मरियम जो शिष्य होने के अर्थ को अच्छी तरह समझती है हमें गुरु के पदचिन्हों पर चलने में मदद करे। यह पदचिन्ह है दिव्य कृपा का जो नवजीवन प्रदान करता है।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत उन्होंने देश-विदेश के सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।

संत पापा ने सीरिया के लोगों की स्थिति पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा, ″मैं प्रिय सीरियाई नागरिकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ जिन्हें संघर्ष में शामिल होना तथा जिन्हें युद्ध के कारण अपना सब कुछ छोड़कर विस्थापित होना पड़ रहा है।″

संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ″मैं आशा करता हूं कि आप उदार एकजुटता द्वारा उनकी उत्तरजीविता तथा प्रतिष्ठा को बनाये रखने के लिए आवश्यक मदद पहुँचायें। मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील दोहराता हूँ कि समझौता के किसी अवसर को जाने न दिया जाए। संत पापा ने राजनैतिक दलों का भी अह्वान करते हुए कहा कि राजनैतिक समाधान ही प्यारे शहीद देश से संघर्ष को खत्म करने एवं भविष्य में मेल-मिलाप तथा शांति स्थापित करने में सक्षम हो सकता है। इसके लिए संत पापा ने सभी से प्रार्थना करने का आह्वान किया।

सीरिया के लिए प्रार्थना करने के बाद संत पापा ने ‘जीवन दिवस’ पर इसे संलग्न सभी लोगों का अभिवादन किया।

उन्होंने कहा, ″आज इटली में जीवन दिवस मनाया जा रहा है, करुणा जीवन को प्रस्फुटित करता है। संत पापा ने इटली के सभी धर्माध्यक्षों के साथ मानव जीवन की रक्षा के लिए समर्पित सभी संस्थाओं को शुभकामनाएँ अर्पित की। उन्होंने कहा, ″हमारा समाज जीवन पर होने वाले सभी आक्रमणों से जीवन की रक्षा करे तथा मन-परिवर्तन करें जो दया के कार्यों द्वारा प्रकट होता है। संत पापा ने जीवन की संस्कृति का समर्थन करने वाले सभी लोगों को प्रोत्साहन दिया।″

संत पापा ने जानकारी प्रस्तुत करते हुए कहा कि कल हम प्रार्थना दिवस मनाने तथा मानव तस्करी के विरूद्ध चिंतन करने जा रहे हैं जो सभी लोगों को नये प्रकार की गुलामी को तोड़ने में मदद करने का अवसर प्रदान करता है जिससे कि मानव प्रतिष्ठा एवं स्वतंत्रता को पुनः हासिल किया जा सके। संत पापा ने गुलामी के चंगुल में फंसे सभी महिलाओं एवं बच्चों की याद की तथा कहा कि इस अपराध को उखाड़ फेंकने हेतु हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।

संत पापा ने लूनार के अनुसार नये साल मनाने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएँ दीं। ″मैं सभी को शुभकामनाएँ देता हूँ कि वे अपने परिवारों में स्थिरता एवं शांति का अनुभव कर सकें तथा प्रेम, भाईचारा, सहअस्तित्व, उदारता एवं सेवा आदि मूल्यों को एक-दूसरे को बांटें। नया साल सहानुभूति, दया तथा एकता का फल उत्पन्न करे।

अंत में संत पापा ने सभी तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए उन्हें शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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