2016-02-04 16:04:00

कला, खेल, संस्कृति तथा संगीत हैं शिक्षा के माध्यम


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 4 फरवरी 2016 (वीआर सेदोक): शिक्षा का महत्व व्यक्ति के सामंजस्य के लिए। यह विषयवस्तु थी संत पापा फ्राँसिस की वाटिकन में परमधर्मपीठीय शिक्षक न्यास के सदस्यों से मुलाकात की।

विदित हो कि परमधर्मपीठीय शिक्षक न्यास ‘स्कोलास ऑक्यूरेंटस’ की स्थापना उस समय हुई थी जब संत पापा फ्राँसिस अर्जेंटीना में बोयनोस आयरिस के महाधर्माध्यक्ष थे। न्यास का उद्देश्य है शिक्षा को खेल, विज्ञान तथा तकनीकी आदि के माध्यम से प्रोत्साहन देना।

उन्होंने कहा, ″सामंजस्य एक बहुत महत्वपूर्ण शब्द है क्योंकि जब हम शिक्षा की बात करते हैं तब हम मानव व्यक्ति के विकास की बात अवश्य करते हैं, व्यक्ति जो प्रेम की गरिमा की खोज करता है। संत पापा ने सामंजस्य एवं रचनात्मकता पर जोर देते हुए कहा कि कला, खेल, संस्कृति तथा संगीत ये सभी माध्यम हैं जिनके द्वारा लोगों को बहिष्कार के विपरीत, आर्थिक, राजनैतिक तथा सांस्कृतिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्राप्त होती है। वे सभी माध्यम जिनसे शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्राप्त की जा सकती है संत पापा ने माडरीड छः वर्षीय एक बालिका के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा, ″हम हमेशा कहते हैं कि हम युवा भविष्य हैं किन्तु वास्तव में हम वर्तमान हैं क्योंकि अभी ही भविष्य में जीने का मूल्य सीख लेना है।″

संत पापा ने विद्यार्थियों के लिए दो बड़े अवसर की घोषणा की, पहला, काथलिक एवं मुस्लमानों के बीच 7 मई को बॉक्सिंग मैच तथा दूसरा, 29 मई को रोम के ऑलम्पिक स्टेडियम में शांति का खेल। 








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