कोयम्बटूर, मंगलवार, 2 फरवरी 2016 (एशियान्यूज़): तमिलनाडू में कोयम्बटूर के निकट एक काथलिक पुरोहित एवं तीन ख्रीस्तीयों पर 28 जनवरी को युवाओं के एक दल ने हिंसक आक्रमण किया। इस घटना में घायल सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है।
तमिलनाडू के ग्रामीण विकास मंत्री एस. पी. वेलूमानी ने कहा कि आक्रमण धार्मिक अत्याचार का एक रूप है। उन्होंने कहा कि युवाओं का वह दल हिन्दू चरमपंथियों का था जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोयम्बटूर दौरे में हिन्दूओं को उत्साहित करने एवं उन्हें एकता में लाने का प्रयास कर रहा था।
धर्मप्रांत के प्रवक्ता फादर वीप्पाट्टूपारांम्बिल ने एशियान्यूज से कहा कि 35 कट्टरपंथी हिन्दू युवाओं का एक दल 28 जनवरी को 49 वर्षीय फादर कान्नूमकुजाई जोश तथा धर्मप्रांत के अस्सीसी स्नेहालय में कार्यरत तीन अन्य सदस्यों को पीटा तथा घायल कर दिया।
उन्होंने बतलाया कि हिन्दू चरमपंथी एक मृत बच्चे की जाँच करने हेतु एड्स पीड़ित बच्चों की देखभाल करने वाले केंद्र एत्तिमादा पहुँचे। बच्चे की मृत्यु के कारण केंद्र के स्टाफ पर इल्जाम था कि वे अपने मरीजों की अच्छी देखभाल नहीं कर रहे हैं जिसके कारण स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
विरोध प्रदर्शन के समय धर्मप्रांत के वकील फादर जोश तथा तीन अन्य व्यक्ति जिनका नाम जोसेफ, लिजो तथा स्टानेली है वहीं उपस्थित थे।
आक्रमण के बाद तुरन्त उन्हें के. जी. हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। पुरोहित को अब भी आई. सी. यू. में ही रखा गया है क्योंकि वे अब तक अचेतन अवस्था में हैं जबकि अन्य तीन घायलों को 31 जनवरी को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।
मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने एशियान्यूज़ से बातें करते हुए फादर जोश पर हुए हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले के बावजूद येसु के प्रेम एवं दया से प्रेरित होकर काथलिक कलीसिया एड्स पीड़ितों को अपने केंद्रों में निस्वार्थ सेवा देती रहेगी।
उन्होंने बच्चे की मृत्यु पर भी शोक व्यक्त किया तथा परिवार वालों के लिए अपनी प्रार्थना का आश्वासन दिया।
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