2016-01-30 15:13:00

जयन्ती वर्ष में संत पापा की प्रथम धर्मशिक्षा माला


वाटिकन सिटी, शनिवार, 30 जनवरी 2016 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में शनिवार 30 जनवरी को, करुणा के जयन्ती वर्ष की योजना को कार्यान्वित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने प्रथम आमदर्शन समारोह का संचालन किया तथा अपनी धर्मशिक्षा माला जारी की।

उन्होंने सभी तीर्थयात्रियों को सम्बोधित कर कहा, ″हम प्रत्येक दिन करुणा के जयन्ती वर्ष के केंद्र की ओर बढ़ रहे हैं। जब हम पवित्र द्वार से पार होते हैं तब अपनी कृपा से प्रभु हमारे कदमों को आगे ले चलते हैं तथा हमारी कमजोरियों तथा विरोधी स्वभाव के बावजूद वे हमारे साथ आते हैं। हम उनकी क्षमाशीलता की आवश्यकता का अनुभव करने से कभी न थकें क्योंकि जब हम कमजोर हैं उनका सामीप्य, हमें विश्वास को अधिक आनन्द के साथ जीने हेतु बल प्रदान करता है।″

उन्होंने करुणा एवं मिशन के बीच गहरे संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा, ″आज मैं करुणा एवं मिशन के बीच गहरे संबंध के बारे बोलना चाहता हूँ। संत जोन पौल द्वितीय हमें स्मरण दिलाते हैं कि कलीसिया तभी सच्चा जीवन जीती है जब वह करुणा की घोषणा करती है तथा लोगों को करुणा के स्रोत के पास ले जाती है। एक ख्रीस्तीय के रूप में हम सुसमाचार के प्रेरित बनने के लिए बुलाये गये हैं ठीक उसी प्रकार, जिस प्रकार कि हम अपने जीवन की मधुर स्मृति को दूसरों के साथ बांटते हैं। हम विशेषकर, येसु के साथ मुलाकात के आनन्द को बांटने के लिए बुलाये गये हैं। शुरू से ही शिष्यों का अनुभव यही था। प्रभु से मुलाकात करने के बाद अंद्रेयस सीधे अपने भाई पेत्रुस के पास गया तथा फिलीप ने नथानाएल की खोज की, यह बतलाने के लिए कि उन्होंने येसु से मुलाकात की थी।

संत पापा ने कहा कि येसु से मुलाकात करने का अर्थ है उसके प्रेम का अनुभव करना जो हमें बदल देता तथा उनके प्रेम को बांटने के लिए प्रेरित करता है। हम ख्रीस्त को धारण करनेवाले कहे जाते हैं क्योंकि जो करुणा हम पिता से प्राप्त करते हैं वह न केवल हमारे लिए है किन्तु करुणा के साधन बनने के द्वारा सभी लोगों की भलाई के लिए है। मिशनरी बनकर हम करुणा के वरदान को अधिक गहराई से अनुभव कर सकें। ख्रीस्तीय होने की हमारी बुलाहट को हम गंभीरता से जी सकें ताकि सुसमाचार सभी लोगों के हृदय का स्पर्श करे एवं ईश्वर के प्रेम के उपहार को ग्रहण करने के लिए खुला बना सके।

इतना कहकर उन्होंने अपनी धर्मशिक्षा माला समाप्त की तथा देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

गौरतलब है कि यह आमदर्शन समारोह जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में निर्धारित किया गया है जो पूरे वर्ष हर शनिवार को सम्पन्न किया जाएगा।








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