2016-01-30 15:07:00

ग़रीबी का आध्यात्मिकीकरण ग़लत


मनिला, शनिवार, 30 जनवरी 2016 (वीआर अंग्रेजी): अबूजा के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जोन ओनाईयेकान ने कहा कि ″गरीबी की आध्यात्मिकीकरण″ ग़लत है।

फिलीपींस के चेबू शहर में 51 वें अंतरराष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अवसर पर शुक्रवार को वाटिकन रेडियो से बातें करते हुए उन्होंने कहा, ″वास्तव में, ग़रीबी कलीसिया में एक सदगुण हो सकती है जिसमें हम सुसमाचारी सलाह शुद्धता निर्धनता एवं आज्ञापालन की बात करते हैं। गरीबी शब्द अपने आप में सकारात्मक है किन्तु दूसरे प्रकार की ग़रीबी है जिसे ‘मुसीबत’ कही जा सकती है और उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।″

नाईजेरियन कार्डिनल ″यूखरिस्त तथा ग़रीब एवं पीड़ित लोगों के साथ वार्ता″ पर अपना वक्तव्य पेश की।

उन्होंने कहा, ″ग़रीबी कई तरह के हो सकती है किन्तु भौतिक गरीबी का अंत दुखद होता है। यह जीवन के मौलिक अनिवार्य चीजों से वंचित होना है। आधुनिक युग में बहुत सारे लोग हैं जो इस प्रकार की ग़रीबी से पीड़ित हैं।″ उन्होंने कहा कि हम इस प्रकार की ग़रीबी का आध्यात्मिकीकरण नहीं कर सकते और न ही इसे अच्छी बात मानी जा सकती है।

आई.ए.सी को सम्बोधित करते हुए कार्डिनल ने ख्रीस्तीयों के लिए क्रूस के अर्थ को समझाया।

 उन्होंने कहा कि क्रूस जो पहले शर्मनाक मृत्यु का द्योतक था अब येसु के क्रूस पर मारे जाने के कारण ख्रीस्त की महिमा का प्रतीक बन गया है उनके गौरवशाली सूली पर चढ़ाये जाने का चिन्ह।








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