2016-01-28 15:20:00

धार्मिक नेता अपने प्रवचन का खुद भी अभ्यास करें


मनिला, बृहस्पतिवार, 28 जनवरी 2016 (ऊकान): फिलीपींस के चेबू शहर में चल रहे अंतरराष्ट्रीय यूखरिस्तीय कॉन्ग्रेस में विश्व के करीब 12,000 प्रतिनिधि को कार्डिनल क्वेवेदो ने कहा कि वे लोगों को जो उपदेश देते हैं उसको स्वयं अभ्यास भी करें तथा ग़रीबों से प्रेम करें।

अंतरराष्ट्रीय यूखरिस्तीय कॉन्ग्रेस में भाग ले रहे पुरोहितों, धर्मसमाजियों तथा कलीसिया के लोकधर्मी नेताओं को सम्बोधित करते हुए  कोटाबाटो के धर्माध्यक्ष कार्डिनल ओर्लान्दो क्वेवेदो ने कहा, ″हमारा विश्वास बहुधा बाह्य धार्मिक क्रियाओं, जूलुस एवं व्यक्तिगत भक्तियों पर अधिक ध्यान देता है।″ उन्होंने स्मरण दिलाया कि यूखरिस्त एक गहन एकता है जो गरीबों, उपेक्षितों, हाशिये पर जीवन यापन कर रहे लोगों तथा जरूरतमंद लोगों के बीच येसु की प्रेरिताई को पूरा करने हेतु प्रेरित करता है।

पवित्र यूखरिस्त का वास्तविक अर्थ क्या है? हम किस तरह सहभागी हो सकते हैं? यह किस तरह बतलाता है कि हम कैसे जीयें?  

कार्डिनल ने कहा कि यूखरिस्त को जीने का अर्थ है गरीबों एवं उपेक्षितों की चुनौतियों का सामना करना। हम उनके प्रति उदासीन नहीं रह सकते हैं।

मनिला की झुग्गी झोपडियों में रहने वाले लोगों की 21 वर्षों से सेवा कर रहे, फादर लुचियानो अरियेल फेलोनी ने कहा कि अन्यों की अपेक्षा गरीब ख्रीस्त को स्वीकार करने में अधिक उत्सुक रहते हैं।

उन्होंने कहा, ″इन 21 सालों में ग़रीबों ने मुझे अपने शब्दों को खाना सिखाया। मैं महसूस करता हूँ कि संत पापा फ्राँसिस इसी को लोगों की आध्यात्मिकता कहते हैं। कई बार पुरोहित नहीं किन्तु लोकधर्मी कलीसिया की उपस्थिति का एहसास देते हैं।″ फादर ने कहा कि कई बार तो हमें उनके साथ रहने तक का भी साहस नहीं होता है।

विदित हो कि फिलीपींस के चेबू शहर में 24 से 31 जनवरी तक अंतरराष्ट्रीय यूखरिस्तीय कॉन्ग्रेस का आयोजन किया गया है जिसमें 27 जनवरी को मुख्य रूप से यूखरिस्त का संबंध वास्तविकता से तथा आधुनिक युग में काथलिकों का मुकाबला पर जोर दिया गया।








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