2016-01-27 11:43:00

इसराएली-फिलीस्तीनी वार्ता व सिरियाई संघर्ष के राजनैतिक हल की अपील


न्यू यॉर्क, बुधवार, 27 जनवरी 2016 (सेदोक): संयुक्त राष्ट्र संघ में वाटिकन के वरिष्ठ अधिकारी तथा परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष बेरनारदीतो आऊज़ा ने इसराएली फिलीस्तीनी वार्ताओं को पुनः शुरु करने तथा सिरियाई संघर्ष का राजनैतिक समाधान ढ़ूँढ़ने का आह्वान किया है।

मंगलवार, 26 जनवरी को न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघीय सुरक्षा समिति में मध्यपूर्व की स्थिति पर वाद-विवाद हुआ जिसके दौरान प्रतिनिधि राष्ट्रों को सम्बोधित कर महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने इसराएल एवं फिलीस्तीन के बीच व्याप्त तनावों एवं सिरिया में विगत 05 वर्षों से जारी संघर्ष की ओर ध्यान आकर्षित कराया।   

इसराएल एवं फिलीस्तीन के बीच ठप्प पड़ी शांति प्रक्रिया के विषय में उन्होंने कहा, "पर्याप्त बातचीत के अभाव में हिंसा के कृत्य जारी हैं जो ऑस्लो समझौते पर गम्भीर आशंकाओं को जन्म दे रहे हैं। परमधर्मपीठ का विश्वास है कि इसराएलियों एवं फिलीस्तीनियों के बीच शांति प्रक्रिया तब ही आगे बढ़ सकेगी, जब, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के ठोस समर्थन से, दोनों पक्षों के बीच प्रत्यक्ष वार्ताएँ सम्भव होंगी।" उन्होंने कहा कि इसराएल एवं फिलीस्तीन यदि सुरक्षा, समृद्धि एवं शांतिपूर्ण सहअस्तित्व में जीवन यापन करना चाहते हैं तो उन्हें समझौतों के लिये तैयार होना पड़ेगा तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य सीमाओं को स्वीकार करना होगा।

फिलीस्तीन के सन्दर्भ में परमधर्मपीठ के पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने फिलीस्तीन एवं परमधर्मपीठ के बीच विगत वर्ष सम्पन्न समझौते का स्मरण दिलाया जो 02 जनवरी 2016 से प्रभावी हो गया है। उन्होंने बताया कि उक्त समझौता फिलीस्तीन में कलीसिया के जीवन एवं उसकी गतिविधियों से सम्बन्धित है। उन्होंने आशा भी व्यक्त की कि यह समझौता मध्यपूर्व के अन्य देशों के लिये वार्ताओं एवं सहयोग का आदर्श सिद्ध होगा।

सिरिया के प्रश्न पर बोलते हुए महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने कहा कि विगत 05 वर्षों से युद्ध जारी है जिसमें अब केवल सिरियाई दल ही शामिल नहीं है बल्कि सम्पूर्ण विश्व से कथित फोरन फाईटर्स जा मिले हैं तथा नागरिकों पर अत्याचार कर रहे हैं। सिरिया में साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने तथा धर्म के नाम पर अत्याचारों को समाप्त करने का आह्वान कर उन्होंने सिरिया के लिये एक राजनैतिक समाधान ढ़ूँढ़ने की अपील की।








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