2016-01-26 15:18:00

चालीसा काल के लिए संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 26 जनवरी 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने 2016 के चालीसा काल के लिए अपने संदेश में कहा कि जयन्ती वर्ष का यह चालीसा काल ईश्वर की करुणा को अनुभव करने का एक सुनहरा अवसर है।

जयन्ती वर्ष हेतु अपने आदेश पत्र का हवाला देते हुए संत पापा ने कहा कि ईश्वर की करुणा एक घोषणा है जो संसार के लिए किया गया है, एक ऐसी घोषणा जिसको सीधे तौर पर सुनने के लिए सभी ख्रीस्तीय बुलाये गये हैं।

उन्होंने कहा कि ख्रीस्त में पिता ने अपनी असीम करुणा को उँड़ेला और उस करुणा ने शरीरधारण किया। ईश्वर के पुत्र के रूप में वे एक दुल्हे हैं जिन्होंने बिना शर्त प्रेम के बंधन में बंधे अपनी दुल्हिन के प्रेम पर विजय पाने के लिए सब कुछ किया। क्रूसित येसु में ईश्वर अपनी इच्छा प्रकट करते हैं कि पापियों को उनके करीब लाया जाए।

ईश्वर की करुणा के बारे में बतलाते हुए संत पापा ने कहा कि यह मानव हृदय परिवर्तित कर देता है। अपने निष्ठावान प्रेम के द्वारा वह हमें बल देता है ताकि हम भी उन्हीं के समान दयालु बन सकें।

संत पापा ने चालीसा काल का महत्व समझाते हुए कहा, ″हम सभी के लिए जयन्ती के इस वर्ष में चालीसा काल, ईश वचन सुनने के द्वारा अलगाव से बाहर आने तथा करुणा का अभ्यास करने का एक सुन्दर अवसर है। करुणा के दैहिक कार्य द्वारा हम ख्रीस्त के शरीर को अपने उन भाई-बहनों में स्पर्श करते हैं जिन्हें खिलाये, पहनाये, शरण दिये जाने तथा मुलाकात करने की आवश्यकता है। उन्हें परामर्श, निर्देशन, क्षमा तथा प्रार्थना आदि करुणा के आध्यात्मिक कार्यों द्वारा मदद किया जाना चाहिए। इन कार्यों के द्वारा हम सीधे तौर से अपने पापों को छूते हैं। दया के शारीरिक एवं आध्यात्मिक कार्यों को कभी भी एक-दूसरे से अलग नहीं होना चाहिए। पीड़ित तथा पापी में क्रूसित येसु के शरीर का स्पर्श करने के द्वारा हम यह एहसास करने की कृपा प्राप्त करते हैं कि वे भी गरीब हैं तथा उन्हें भी मदद की आवश्यकता है।

संत पापा ने सभी विश्वासियों से आग्रह किया कि मन परिवर्तन हेतु इस पुण्य काल को यों ही जाने न दें। 








All the contents on this site are copyrighted ©.