2016-01-18 16:26:00

फिनलैण्ड के अन्तरधार्मिक वार्ता के प्रतिनधियों को संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 18 जनवरी 2016 (सेदोक), संत पापा ने फिनलैण्ड के अन्तरधार्मिक प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनके अभूतपूर्व कार्यो हेतु उनका धन्यवाद किया।

संत पापा ने कहा कि लूथरन, रूढ़ीवादी और काथलिक समुदाय के रूप में आप का यह अन्तरधार्मिक यात्रा आपसी एकता और येसु के प्रति आप के साक्ष्य का प्रमाण देता है।

उन्होंने कहा कि हम विशेषकर लूथरनों और ख्रीस्तीयों के बीच वार्ता के प्रतिफल हेतु प्रभु का धन्यवाद करें। यहाँ मैं मुख्य रूप से हमारे सामान्य दस्तावेज “कलीसिया के जीवन में न्याय” की याद करता हूँ। इस पर आधारित आप की वार्ता कलीसिया में संस्कारों के प्रति आपसी समझ, युखरिस्त और प्रेरितिक कार्य को बढ़ा प्रदान कर रही है। ऐसे कदम हमें विश्वास और धर्मिकता में एक अच्छी नींव की स्थापना करने हेतु मदद करते हैं क्योंकि आप के संबंध पवित्र आत्मा से शांति और भाईचारे में संचालित होते हैं। 

हम सभों का बुलावा धर्मग्रन्थ से सटीक मेल खाता है जो इस वर्ष काथलिकों की एकता हेतु लिया गया है, “आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय याजक-वर्ग, पवित्र राष्ट्र तथा ईश्वर की निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसके महान् कार्यो का बखान कर सकें, जो आप लोगों को अन्धकार से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्य़ोति में बुला लाया। (1 पेत्रु.2.9)

संत पापा ने कहा कि हमारी वार्ता में सिद्धान्त और उनके अनुपालन को लेकर मतभेद रहेंगे। यह हमें हतोत्साहित न करें लेकिन हमें सदैव और अधिक संगठित होने में मदद करे। दुनिया जो सदैव युद्ध से विभाजित और धर्मनिरपेक्षता और उदासीनता से ग्रसित है ऐसी परिस्थिति में हमारा बुलावा येसु पर विश्वास की घोषणा करते हुए शांति और मेलमिलाप को और अधिक बढ़ावा देना हेतु निमंत्रण देता है।    

संत पापा ने सृष्टि की देखभाल में प्रतिनिधियों के समर्पण की सराहना की और अपने संबोधन के अंत में कहा कि यह मुलाकात आपलोगों में एक दूसरे के प्रति सहयोग की भावना को और प्रगाढ़ बनाये, ईश्वर आप के कामों में भरपूर आशीष प्रदान करें। 








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