2016-01-16 15:51:00

धर्म केवल शांति का माध्यम हो सकता है, महाधर्माध्यक्ष मचादो


मुम्बई, शनिवार, 16 जनवरी 2016 (एशियान्यूज़): भारत स्थित वसाई के महाधर्माध्यक्ष मचादो ने कहा है कि धर्म केवल शांति का माध्यम हो सकता है हिंसा का नहीं। ईश्वर के नाम पर अपने भाई की हत्या करने का अधिकार किसी को नहीं है।

जकार्ता में हुए हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि यह अत्यन्त दुखद घटना है, उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हिंसा मात्र मानवीय समस्याओं को बढ़ाते और गहरा बनाते हैं।

एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलन में ख्रीस्तीय एकता एवं अंतरधार्मिक वार्ता के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष मचादो ने कहा, ″धर्म के नाम पर निर्दोषों की हत्या करने के इस कायरतापूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार जो कोई भी हो, यह न तो ईश्वर और न ही उसकी प्रजा के लिए मददगार है। हिंसा का कोई औचित्य नहीं।

विदित हो कि इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में गुरुवार को कई जगह हमला हुए। इन धमाकों में अब तक सात लोग मारे गए हैं। कथित चरमपंथी गुट इस्लामिक स्टेट से संबंधित एक संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है। हमले के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य था वहाँ के लोगों पर इस्लाम धर्म थोपना।

महाधर्माध्यक्ष ने मानव संबंधों के लिए वार्ता के मूल्य पर जोर देते हुए कहा, ″समस्या के समाधान हेतु यही एकमात्र रास्ता है।″  

वार्ता के लिए ईश्वर का अनुभव आवश्यक है क्योंकि सभी धर्मानुयायियों एवं धर्मगुरूओं से यही अपेक्षा की जाती है कि हर स्तर पर अंतरधार्मिक वार्ता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आधुनिक समाज में धर्म की भूमिका शांति और सौहार्द को बढ़ावा देना है अतः विश्व के प्रमुख धर्मों को चाहिए कि आतंकवाद को भड़काने वाले सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारणों को आपस में मिलकर दूर करने का प्रयास करें। 

मानव व्यक्ति की गरिमा एवं उसकी महानता की शिक्षा तथा मानव परिवार में एकता की भावना लाने के द्वारा धर्म, शांति और सौहार्द की स्थापना कर सकती है क्योंकि शांति की चाह मानव स्वभाव में निहित है।








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