2016-01-16 16:00:00

कार्य एक बुलाहट, संत पापा


वाटिकन सिटी, शनिवार, 16 जनवरी 2016 (वीआर सेदोक): ″काम एक बुलाहट है क्योंकि यह ईश्वर की ओर से दिया गया उस निमंत्रण का परिणाम है जिसके तहत उन्होंने मनुष्य को पृथ्वी की देखभाल करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। यद्यपि बुराई ने दुनिया और मानव कार्यों को भ्रष्ट बना दिया तथापि स्वतंत्र, सक्रिय, सहभागिता तथा सहयोगितापूर्ण कार्य जीवन की प्रतिष्ठा को अभिव्यक्त करता है।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 16 जनवरी को ख्रीस्तीय श्रमिक संघ के 7000 सदस्यों से मुलाकात करते हुए कही।

वाटिकन स्थित पौल षष्ठम सभागार में मुलाकात करते हुए उन्होंने लोगों से कहा कि वे काम करने के उस बुलाहट का प्रत्युत्तर किस तरह देते हैं जो हमें येसु तथा पिता ईश्वर के निरंतर कार्यों का अनुसरण करने हेतु प्रेरित करता है। 

संत पापा ने इसके लिए तीन शब्द बतलाये: शिक्षा, बांटना तथा साक्ष्य।

उन्होंने कहा, ″शिक्षा प्राप्त करने का अर्थ है हृदय से सर्वोत्तम को निकाल पाने की योग्यता। शिक्षा देना न केवल कुछ तकनीकी ज्ञान देना है किन्तु अपने आप को तथा दुनिया को अधिक मानवीय बनाना है। जिसके लिए ‘काम को मानवतावादी’ बनाना आवश्यकता है जिसमें व्यक्ति केंद्र में होता है न कि लाभ। अर्थव्यवस्था व्यक्ति को बचाता है न कि व्यक्ति अर्थव्यवस्था को।    

संत पापा ने काम करने हेतु हमारी बुलाहट के लिए मददगार दूसरे शब्द बांटने के बारे में कहा कि काम न केवल एक बुलाहट है किन्तु यह दूसरों के साथ संबंध बनाने का एक अवसर भी है। किसी भी तरह का कार्य व्यक्तियों के बीच एक संबंध स्थापित करने की मांग करता है। काम को चाहिए कि वह लोगों को एक साथ लाये, न कि उन्हें अलग कर दे। कई घंटों तक व्यस्त रखने के बावजूद काम एक अवसर प्रदान करता है जहाँ आस-पास के लोगों के साथ सहानुभूति प्रदर्शित की जा सके, बशर्ते कि उन्हें उपहार के रूप में स्वीकार किया जाए।

अंतिम शब्द है साक्ष्य। संत पापा ने कहा कि प्रेरित संत पौलुस हमें काम के द्वारा भी विश्वास का साक्ष्य देने का प्रोत्साहन देते हैं, आलस्य एवं निष्क्रियता पर विजय पाने के द्वारा। उसके लिए उन्होंने एक नियम भी दिया है, ″जो काम करना नहीं चाहता उसे भोजन न दिया जाए।″ (2 थेस.3: 10) संत पापा ने कहा कि कई युवाओं लिए काम नहीं है वे अपनी प्रतिष्ठा से वंचित हैं जबकि मानवीय न्याय सभी के लिए काम की खोज करता है। उन्होंने कहा कि हमें उन्हें आशा, सांत्वना, सहयोग तथा व्यवहारिक मदद प्रदान करना चाहिए।

संत पापा ने साक्ष्य बनने का प्रोत्साहन देते हुए कहा कि उदारता, सेवा की भावना तथा एकात्मता का साक्ष्य प्रस्तुत करें। ख्रीस्त के शिष्य जिनका हृदय निर्मल है वे जहाँ काम करते तथा जीते हैं  लोगों के बीच ख्रीस्त की ज्योति लाते हैं।








All the contents on this site are copyrighted ©.