2016-01-16 16:04:00

ईसाई धर्मगुरूओं ने हिन्दूओं के दावे का खंडन किया


नई दिल्ली, शनिवार, 16 जनवरी 2016 (ऊकान): भारत के ईसाई धर्मगुरूओं ने सरकार से अपील की है कि वह 10 साल के अंदर हिन्दूओं द्वारा 5 लाख ख्रीस्तीयों एवं 2 लाख पचास हजार मुस्लमानों को हिन्दू बनाये जाने के दावे की जाँच करे।

ऊका समाचार के अनुसार विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने हाल में एक दावा पेश किया था कि धर्मांतरण उनके द्वारा कथित ‘घर वापसी’ कार्यक्रम का एक हिस्सा है, जिसके तहत उनका उद्देश्य उन ख्रीस्तीयों एवं मुस्लमानों को हिन्दू धर्म में वापस लाना है जो पहले हिन्दू धर्मानुयायी थे।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रवक्ता फादर ज्ञान प्रकाश टोपनो ने कहा, ″दावा देश में बलात धर्मांतरण रोकने हेतु बनाये गये कानून के कार्यान्वयन हेतु गंभीर सवाल पैदा करता है।″

उन्होंने कहा कि मैं संख्या से आश्वस्त नहीं हूँ किन्तु इतना जरूर कह सकता हूँ कि दल ख्रीस्तीयों का धर्मांतरण करने में लगा हुआ है विशेषकर, झारखंड, छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में। यह दर्शाता है कि धर्मांतरण विरोधी कानून को चुनिंदा धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ क्रियान्वित किया जा रहा है। उनकी आशा है कि सरकार इस प्रकार के दावों की जाँच करे तथा कानून के उलंघन का पता चलने पर उचित कारवाई करे।

राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो ने हिन्दूओं के इस दावे को खारिज किया है। उन्होंने ऊका समाचार से कहा, ″यह मात्र एक प्रचार है। मैं उन संख्याओं पर विश्वास नहीं करता।″  

उन्होंने कहा यद्यपि कुछ धर्मांतरण हो रहे हैं किन्तु वे वास्तविक नहीं हैं क्योंकि यह भय और सामाजिक बहिष्कार का डर दिखाने के द्वारा द्वारा किया जा रहा है।

भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लेओ कोर्नेलियो ने कहा, ″विश्व हिन्दू परिषद का दावा उनके आंदोलन का भाग है जो राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक भावनाओं को उत्तेजित कर रहा है। जो लोग सार्वजनिक तौर पर धर्मांतरण का दावा कर रहे हैं उन पर देश में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। रायपुर के महाधर्माध्यक्ष ने भी हिन्दू परिषद के उस दावे को झूठा बताया तथा कहा कि किसी ख्रीस्तीय ने अपने धर्म का परित्याग नहीं किया है। उन्होंने कहा, ″गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों के बीच हमारे अच्छे कार्यों को वे देख नहीं सकते अतः वे हमारी छवि धूमिल और खराब करना चाहते हैं। ये झूठे दावे उसी प्रयास के हिस्से हैं।








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