2016-01-15 15:18:00

“लौदातो सी” की माँग हमारा सच्चा परिवर्तन, थाई येसु समाजी


बैंकॉक, शुक्रवार 15 जनवरी 2016, एशिया (न्यूज), संत पापा फ्राँसिस का पर्यावरण पर आधारित विश्व पत्र “लौदातो सी” सर्वप्रथम हमें अपने कार्य करने हेतु निमंत्रण देता है। उक्त बातें बैंकाक सेमनरी के प्रध्यापक थाई येसु समाजी पुरोहित पिसते साएंगतेंन ने कही।

उन्होंने एशिया न्यूज से बातें करते हुए कहा, “हमें अब कार्य करना है। हमें अपने मनोभावों को बदले की आवश्यकता है। संत पापा इस बात पर जोर देते हैं कि छोटी चीज भी बड़ा प्रभाव ला सकती है।”

संत पापा की बातों को बल देते हुए उन्होंने कहा, “मानव पर्यावरण का भाग है। यह हम से एक अहम प्रश्न करता है मुख्यतः बीते समय में ईश्वर और सृष्ट प्राणियों के प्रति अपने असंवेदशील व्यवहार को लेकर हमें अभी अपने व्यवाहार में कौन-सा परिवर्तन लाने की जरुरत है जिससे पृथ्वी हमारे सामान्य घर की भलाई हो।” 

अपने सवाल के जवाब में वे कहते हैं, “मानव को केवल लाभ की ओर ध्यान नहीं देना है। मानव और पर्यावरण को हम अलग नहीं कर सकते। पर्यावरण को क्षति पहुँचना गरीबों को हानि पहुँचाना है। अतः इसकी सुरक्षा करना ही समाज में कमजोरों की सुरक्षा करना है।” संत पापा के वचनों को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा, “ हम गरीबों को हानि पहुँचा कर पर्यावरण की रक्षा नहीं कर सकते। संत पापा चाहते हैं कि हम पर्यावरण की रक्षा एकीकृत तौर पर करें, गरीबों की रक्षा करते हुए पर्यावरण की रक्षा। दुःख की बात है कि “बर्बाद करने की संस्कृति” लोगों के जीवन में घर करती जा रही हैं जिसकी आलोचना संत पापा करते हैं।

फादर साएंगतेंन ने कहा, “आज लोग जो भी करते ईश्वर और आने वाली पीढ़ी को दरकिनार कर केवल अपने ही स्वार्थ हेतु करते हैं, यह यही दिखलाता हैं कि मुसीबत की गहरी जड़ मानव के हृदय में है।”

थाई येसु समाजी ने कहा, “आज हमें अपने दिनचर्या को बदले की जरुरत है और उन चीजों को करने की आवश्यकता है जो दूसरे जीवों को कम प्रभावित करते होम।”








All the contents on this site are copyrighted ©.