2016-01-14 16:04:00

शरणार्थियों की मदद में संत पापा का समर्थन प्रोत्साहनात्मक


अम्मान, बृहस्पतिवार, 14 जनवरी 2016 (एशियान्यूज़): ″संत पापा के शब्द हमारे लिए प्रोत्साहन का स्रोत है जो दो मुख्य संदेश देता है, पहला, जॉर्डन की तरह बनना जो शरणार्थियों के लिए अपना द्वार खुला रखता तथा उस देश की सहायता करना ताकि वे द्वार सदा खुले रखे जा सकें।″ यह बात अम्मान में अध्ययन एवं संचार के लिए काथलिक केंद्र के शीर्ष फा. रिफात बादेर ने कही।

उन्होंने एशियान्यूज़ से कहा कि हाल में राजनायिकों को दिये अपने संदेश में संत पापा ने जॉर्डन की सराहना करते हुए कहा था, ″देश अपने बुद्धिमान नेताओं के कारण सहअस्तित्व एवं वार्ता का आदर्श बन गया है। ख्रीस्तीय अत्याचार के शिकार नहीं हैं तथा धर्म संघर्ष एवं हिंसा का कारण नहीं है।″   

उन्होंने बतलाया कि वहाँ ‘करुणा’ नामक रेस्त्राँ है जो प्रतिदिन 500 शरणार्थियों एवं समस्या में पड़े लोगों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था करता है।

फा. रिफात बादेर के अनुसार यह पहल संत पापा द्वारा करुणा के जयन्ती वर्ष में दया के कार्य हेतु आह्वान को व्यवहारिक रूप दे रहा है। यह कलीसिया के कार्यों का प्रतीक है और हम इसके द्वारा गर्व महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा, ″शरणार्थियों की मदद करते वक्त, धर्म के कारण कोई भेद नहीं किया जाता है। इसके लिए प्रेरणा का स्रोत है खुला द्वार जो हमारे लिए गर्व का विषय है किन्तु इसमें देश के लिए जिम्मेदारी भी है।″

उन्होंने जानकारी दी कि इटली के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की ओर से बच्चों के लिए छात्रवृति दी जाती है जिसके द्वारा काथलिक एवं मुसलमानों के कुल 2,500 विद्यार्थी अध्ययन करने में समर्थ हैं।

विदित हो कि संयुक्त राष्ट्रसंघ की रिपोर्ट अनुसार जॉर्डन ने करीब 6 लाख शरणार्थियों को अपने पास शरण दिया है।








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