2016-01-14 16:10:00

युवाओं के लिए संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 14 जनवरी 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने युवाओं के लिए करुणा की जयन्ती हेतु संदेश में कहा कि करुणावान बनने का अर्थ है उस प्रेम में बढ़ना जो साहसी, उदार तथा सच्चा है।

ज्ञात हो कि युवाओं के लिए करुणी की जयन्ती रोम में 24 अप्रैल को मनायी जायेगी।

संत पापा ने कहा, ″कलीसिया करुणा की जयन्ती मना रही है जो अनुग्रह, शांति, मन-परिवर्तन तथा आनन्द का समय है। यह सभी के लिए है। ऐसा कोई भी दीवार नहीं हैं जो पिता की करुणा को हमारा आलिंगन करने से रोक सके। रोम तथा सभी धर्मप्रांतों में पवित्र द्वार खुल चुका है।″

संत पापा ने इस जयन्ती में युवाओं को सक्रिय भाग लेने हेतु प्रोत्साहन दिया ताकि प्रत्येक यह महसूस कर सके कि वह ईश्वर की संतान है। आप जानते हैं कि आपका नाम स्वर्ग में लिखा जा चुका है, करुणावान पिता के हृदय में जो मन-परिवर्तन एवं हर प्रकार की दयालुता के स्रोत हैं।

संत पापा ने जयन्ती वर्ष की महता बतलाते हुए कहा कि जयन्ती वर्ष एक ऐसा वर्ष है जिसका हर पल एक अवसर बन जाता है जिससे कि हम पवित्रता में बढ़ सकें। जयन्ती एक ऐसा भोज है जिसमें भाग लेने हेतु येसु हम प्रत्येक को निमंत्रण देते हैं।

युवाओं के लिए करुणा की जयन्ती की विषयवस्तु है, ″पिता के समान दयालु″।

संत पापा ने कहा कि दयालु बनने का अर्थ है उस प्रेम में बढ़ना जो साहसी, उदार तथा सच्चा है अर्थात् शारीरिक एवं आध्यात्मिक विकास। संत पापा ने स्मरण दिलाया कि वे ऐसा ख्रीस्तीय बनने की तैयारी कर रहे हैं जो एक शांतिपूर्ण विश्व के निर्माण हेतु साहसिक चुनाव करता है।

संत पापा ने युवाओं को सलाह दी कि इस चुनौतीपूर्ण युग में भी वे विश्वास की यात्रा में प्रभु पर दृढ़ आशा रखकर स्थिरता से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा, ″हमारी यात्रा का रहस्य यही है, यह हमें धारा के विपरीत तैरने का साहस प्रदान करता है। हमें धारा के विपरीत तैरने के लिए साहस की आवश्यकता है और वह साहस येसु हमें प्रदान करते हैं। उनके साथ हम महान कार्य कर सकते हैं। वे हमें उनके शिष्य एवं उनका साक्ष्य बनने का आनन्द प्रदान करेंगे।

संत पापा ने युवाओं को याद दिलाया कि हम ख्रीस्तीय छोटी बातों के लिए नहीं बुलाये गये हैं किन्तु ऊँचे मूल्यों के लिए प्रभु द्वारा चुने गये हैं।

संत पापा ने उन युवाओं की याद की जो युद्ध, गरीबी, दैनिक समस्याएँ तथा एकाकी की मार झेल रहे हैं। उन्होंने उन्हें आशा के साथ प्रयास जारी रखने की सलाह दी।

संत पापा ने उन युवाओं को सांत्वना दी जो जयन्ती मनाने हेतु रोम आने में असमर्थ होंगे। उन्होंने कहा, ″मैं महसूस करता हूँ कि आप सभी रोम नहीं आ सकते किन्तु जयन्ती सभी के लिए है तथा यह स्थानीय कलीसियाओं में भी मनाया जायेगा। आप सभी इस आनन्द में सहभागी होने के लिए निमंत्रित हैं। उन्होंने कहा कि जयन्ती मनाने के लिए न केवल अपने समानों के साथ तैयार हों किन्तु मन और दिन से भी। उन्होंने कहा, ″मेल-मिलाप संस्कार तथा युखरिस्त में प्रभु को कौन सी आशा एवं आकांक्षा चढ़ाने वाले हैं उसपर सावधानी पूर्वक चिंतन करें। पवित्र द्वार में प्रवेश करते समय याद रखें कि हम पवित्रता में बढ़ने तथा सुसमाचार एवं यूखरिस्त द्वारा पोषित होने हेतु अपने आपको समर्पित करने जा रहे हैं ताकि हम अधिक न्याय एवं भाईचारापूर्ण विश्व के निर्माण में सहयोग दे सकें। पवित्र द्वार की ओर आपकी यात्रा को प्रभु आशीष प्रदान करे। उन्होंने संदेश के अंत में युवाओं के लिए प्रार्थना की कि पवित्र आत्मा उनका पथ प्रदर्शन करे तथा उनके परिवार एवं सभी प्रियजन जो युवाओं को अच्छाई में बढ़ने हेतु मदद करते हैं उनके लिए माता मरियम करुणा का सच्चा द्वार बने। 








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