2016-01-13 11:55:00

यातनाओं, बलात बाईबिल पाठ के आरोपों का ग़ैर सरकारी संगठन द्वारा खण्डन


नई दिल्ली, बुधवार, 13 जनवरी 2016 (ऊका समाचार): उत्तर प्रदेश स्थित छिपियाना खुर्द गाँव में कार्यरत एम्मानुएल चैरीटी सेवा नामक ख्रीस्तीय उदारता संगठन ने बच्चों को यातनाएँ प्रदान करने तथा उन्हें बलपूर्वक बाईबिल की प्रार्थनाएँ करवाने के आरोपों का खण्डन किया है।

09 जनवरी को पुलिस ने उक्त ग़ैरसरकारी संगठन के अध्यक्ष देवराज गौर को बच्चों को यातनाएँ देने तथा धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था।

गौर की पत्नी अनीती गौर ने ऊका समाचार से कहा, "यह हमारे विरुद्ध षड़यंत्र है। बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्राप्त है तथा उनके भोजन आदि का भी ख्याल रखा जा रहा है। यातनाएँ देने तथा बलपूर्वक बच्चों को बाईबिल पाठ कराने के आरोप सरासर ग़लत और मनगढ़न्त हैं।"

अनीता गौर ने स्पष्ट किया कि हालांकि एम्मानुएल चैरीटी सेवा एक ख्रीस्तीय ग़ैरसरकारी संगठन है वे और उनके पति हिन्दू धर्मानुयायी हैं और इस संगठन की देख-रेख कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि संगठन केवल मदर तेरेसा के पद चिन्हों पर चल निर्धनों की सेवा में संलग्न है, उसका और कोई लक्ष्य नहीं है।

पुलिस ने बताया कि उसने 29 दिसम्बर को उक्त संगठन द्वारा चलाये जा रहे छिपियाना खुर्द गाँव स्थित आश्रम से 4 से 16 वर्ष के बीच की आयु के 07 बच्चों को बचाया और उसके दूसरे दिन मेरठ ज़िले स्थित एक आश्रम से 27 बच्चों को बचाया।

टाईम्स ऑफ इन्डिया समाचार ने प्रकाशित किया था कि बच्चों से बाईबिल पाठ कराया जाता था तथा इनकार करने पर उनकी पिटाई की जाती थी।

एम्मानुएल चैरीटी सेवा की वेब साईट पर लिखा है कि यह संगठन एक ग़ैरसरकारी संगठन है जो धर्म और जाति का भेदभाव किये बिना अनाथों, सड़कों पर जीवन यापन करनेवाले तथा निर्धन बच्चों के पक्ष में काम कर रहा है।








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