2016-01-09 16:31:00

शरणार्थी संकट देश में सबसे बड़ी समस्या, लेबनान


बेरट, शनिवार, 9 जनवरी 2015 (एशियान्यूज़): करीतास लेबनान के निर्देशक फा. पौल करम के अनुसार शरणार्थी संकट देश में सबसे बड़ी समस्या बन गयी है। सीमित संसाधनों के साथ सरकार इस परिस्थिति का सामना करने में असमर्थ महसूस कर रही है तथा वर्तमान आर्थिक संकट के कारण देश पतन के कगार पर आ गया है।

एशियान्यूज से बातें करते हुए फा. पौल करम ने कहा कि स्थानीय कारीतास चार वर्षों से सीरियाई लोगों की मदद करती आ रही है जबकि अन्य शरणार्थी भी अनवरत चले आ रहे हैं।

आपातकाल के बावजूद लोगों में एक-दूसरे को मदद करने तथा एकता प्रदर्शित करने के उदाहरण देखने को मिल रहे हैं जिसमें ख्रीस्तीय तथा मुस्लमान एक साथ विचार विमर्श कर रहे हैं जो भविष्य को जीवित रखने की आशा प्रदान करती है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट अनुसार चार वर्षों से चल रहे युद्ध के कारण करीब 1.2 मिलीयन सीरियाई विस्थापित होकर लेबनान में शरण लिये हुए हैं जबकि अन्य सूत्रों के अनुसार 1.6 मिलीयन सीरियाई शरणार्थी लेबनान में पनाह ले रहे हैं। उनके साथ लगभग 700 ईराकी ख्रीस्तीय परिवार बगदाद, मोसुल तथा एरबिल से आये हुए हैं एवं फिलीस्तीन से भी हज़ारों शरणार्थी लेबनान में हैं।

फा. पौल करम ने कहा, ″शरणारर्थी यूरोप की ओर जाना चाहते हैं विशेषकर, जर्मनी किन्तु इस बात का खतरा है कि मध्यपूर्वी देशों में ख्रीस्तीयों की संख्या शून्य हो जायेगी जिसके कारण कलीसिया अंतरराष्ट्रीय समुदायों से आग्रह करती है कि शांति, न्याय तथा आपसी सम्मान हेतु वार्ता को प्रोत्साहन देना जारी रखे।″

उन्होंने कहा कि आवश्यकताएँ अनन्त किन्तु संसाधन सीमित हैं जिसके कारण युद्ध चल रहे देशों में जहाँ सुरक्षा है वहाँ लोगों को वापस जाने हेतु बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

करीतास लेबनान राहत सेवा, आद्य आपूर्ति, मानसिक सहायता तथा ख्रीस्तीय-मुसलमान वार्ता को प्रोत्साहन देने आदि कार्यों में संलग्न हैं।

फादर पौल की आशा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय जिसका कर्तव्य है संकट का समाधान करना, वह तनाव कम कर, राजनयिक उपायों द्वारा गरीब लोगों की मदद कर पायेगी। 








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