2016-01-05 12:35:00

बैंगलोरः कथित बलात धर्मान्तरण के आरोप में 15 ख्रीस्तीय गिरफ्तार


बैंगलोर, मंगलवार, 5 जनवरी 2016 (एशियान्यूज़): कर्नाटक पुत्तुर ज़िले में 15 ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को कथित बलात धर्मान्तरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुत्तुर के बान्नुर जोडूकाट्टे स्थित पल्ली गिरजाघर में नववर्ष की पूर्व सन्ध्या 15 ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को गिरफ्तार किया गया था।

एशियान्यूज़ के अनुसार पुलिस ने प्रॉटेस्टेण्ट ख्रीस्तीय सम्प्रदाय के "बिलीवर्स चर्च" समुदाय की प्रार्थना सभा को भंग कर दिया था। पुलिस का कहना था कि हिन्दू चरमपंथियों ने गिरजाघर को घेर लिया था तथा चरमपंथियों से ख्रीस्तीयों की सुरक्षा के लिये उसे यह कार्रवाई करनी पड़ी।

31 दिसम्बर को नववर्ष से पूर्व जागरण प्रार्थना सभा के लिये उक्त समुदाय ने ख्रीस्तीयों को आमंत्रित किया था। इस प्रार्थना सभा के लिये पेरने, सलमारा, बान्नुर और बड़ागान्नुर के 15 आप्रवासी ख्रीस्तीय एकत्र हुए थे।

प्रार्थना सभा से पूर्व ही बजरंग दल तथा विश्व हिन्दू परिषद चरमपंथी हिन्दू संगठनों के सदस्यों ने गिरजाघर को घेर लिया तथा प्रार्थना सभा को भंग करना चाहा किन्तु इसके पहले ही उन्हें प्रवेश द्वार पर रोक दिया गया। पुलिस ने हस्तक्षेप कर चरमपंथियों को अलग किया तथा ख्रीस्तीयों को निकट के पुलिस स्टेशन ले गई। कुछ ही घण्टों के बाद ख्रीस्तीयों को रिहा कर दिया गया।

अगले दिन उक्त चर्च के ख्रीस्तीय धार्मिक नेताओं को पुलिस ने फिर बुला भेजा और उनसे यह प्रमाणित करने को कहा कि प्रार्थना सभा का आयोजन धर्मान्तरण के लिये नहीं किया गया था। इसके अतिरिक्त, पुलिस ने उन्हें भविष्य में अनुपालन हेतु एक नियमावली भी प्रदान की और चेतावनी दी कि हर प्रार्थना सभा से पूर्व वे पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी दें।

ग्लोबल काऊन्सल ऑफ इन्डियन क्रिस्टियन्स के अध्यक्ष डॉ. साजन के. जॉर्ज ने बलात धर्मान्तरण के आरोपों की निन्दा करते हुए एशियान्यूज़ से कहा, "भारत के अल्पसंख्यक ख्रीस्तीय कमज़ोर हैं जिन्हें केवल चरमपंथियों के ही नहीं अपितु उन अधिकारियों के उत्पीड़न का भी शिकार बनना पड़ता है जिनपर उनकी रक्षा का दायित्व है। इससे यह स्पष्ट है कि ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को धर्मनिर्पेक्ष भारत में द्वितीय श्रेणी के नागरिक माना जाता है।"  

श्री जॉर्ज ने इस बात की भी शिकायत की कि जिन लोगों ने पुत्तुर में प्रार्थना सभा को भंग कर सामाजिक शांति को नष्ट करने का प्रयास किया था उनके विरुद्ध पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। पुलिस के तुरन्त हस्तक्षेप की भी उन्होंने निन्दा की जिसने प्रार्थना में लीन लोगों के विरुद्ध काम किया। उन्होंने कहा, "पुलिस का कार्य केवल चर्च के आस-पास एकत्र उग्रवादियों को तितर-बितर करना होना था।"








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