2015-12-30 12:14:00

पुएरी कन्तोरेस गायकों का 40 वाँ अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन रोम में


वाटिकन सिटी, बुधवार, 30 दिसम्बर 2015 (सेदोक): रोम में सम्पूर्ण विश्व से "पुएरी कन्तोरेस"  गायक मंडली के युवा गायक अपने 40 वें अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिये एकत्र हुए हैं।

20 वीं शताब्दी में स्थापित पुएरी कन्तोरेस अन्तरराष्ट्रीय संघ की स्थापना इस प्राचीन ख्रीस्तीय  विश्वास पर हुई थी कि गायन ऐसा माध्यम है जिसे ईश्वर की आराधना के लिये उपयोग में लाया जा सकता है, ऐसा माध्यम जिसके द्वारा सुसमाचार का प्रसार किया जा सकता तथा जिसे आध्यात्मिक एवं नैतिक विकास का माध्यम बनाया जा सकता है।

"पुएरी कन्तोरेस" गायक मंडली के युवा गायकों का 40 वाँ अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन, रोम में, 06 दिनों तक जारी है जो पहली जनवरी को, नववर्ष के उपलक्ष्य में, सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में गायन के साथ अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचेगा। इसमें विश्व के विभिन्न राष्ट्रों के युवा गायक शामिल हैं जो इन दिनों रोम के विभिन्न महागिरजाघरों में ईश्वर की महिमा के गीतों से अपना 40 वाँ  सम्मेलन मना रहे हैं।

इस वर्ष के सम्मेलन का आदर्श वाक्य हैः "कनताते स्पेम वेसत्राम अर्थात् अपनी आशा का गीत गाओ"। युवा गायकों में आशां का संचार करने के साथ-साथ यह सम्पूर्ण विश्व के युवाओं के लिये आध्यात्मिक समृद्धि की अभिव्यक्ति करता है। इसके लिये चुना गया चित्र वाटिकन के श्वेत एवं पीत रंगों में सन्त पेत्रुस महागिरजाघर की तस्वीर है।

31 दिसम्बर को "पुएरी कन्तोरेस" गायक मंडली के युवा गायक सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका आशीर्वाद ग्रहण करेंगे।  








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