2015-12-24 12:44:00

ख्रीस्त जयन्ती ईश्वर के प्रेम को बांटने का उपयुक्त अवसर


बैंगलोर, बृहस्पतिवार, 24 दिसम्बर 2015 (एशियान्यूज़): ″ख्रीस्त जयन्ती का महोत्सव व्यर्थ है यदि हम ईश्वर की शांति तथा आनन्द को एक-दूसरे को न बांट सकें, विशेषकर, जो हमें चोट पहुँचाते हैं तथा हमारा जीवन कष्टमय बनाते हैं।″ यह बात बैंगलोर के महाधर्माध्यक्ष बेर्नाड मोरास ने अपने क्रिसमस संदेश में कही।

महाधर्मप्रांत की वार्षिक क्रिसमस मिलन में उन्होंने कहा, ″ख्रीस्त जयन्ती हमारे दुःखी भाई बहनों के बीच ईश्वरीय प्रेम को बांटने का उपयुक्त समय है जिन्हें हमारे प्रेम, सेवा तथा सहानुभूति की आवश्यकता है। हमें उन में ईश्वर को देखना तथा ग़रीबों और कमजोर लोगों की मदद करने की जरूरत है यदि हम ऐसा कर पाते हैं तो हम ख्रीस्त जयन्ती के महोत्सव को अधिक अर्थपूर्ण एवं खास बनाते हैं।″

उन्होंने कहा, ″हम न केवल ख्रीस्त के जन्म की खुशी मनाते हैं किन्तु यह पर्व हमें ख्रीस्त के शरीर धारण के गूढ़ अर्थ तथा समस्त सृष्टि पर इसके प्रभाव पर चिंतन करने का अवसर प्रदान करती है। क्रिसमस वास्तव में ईश्वर की आशा, प्रेम, शांति आनन्द तथा करुणा को मनाना है।″  

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि क्रिसमस एक निमंत्रण भी है कि हम सृष्टि को व्यवस्थित रखें। उन्होंने संत पापा के प्रेरितिक पत्र ‘लाओदातो सी’ का हवाला देते हुए कहा कि यह नया विश्व पत्र हमें पर्यावरण संकट की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करने हेतु बड़ी सांस्कृतिक क्रांति के लिए निमंत्रण देता है।

उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से अपील की कि भोजन को नष्ट होने से बचाया जाए तथा पर्यावरण को विनाश से बचाया जाए और सबसे बढ़कर भावी पीढ़ी के लिए पृथ्वी को बचाया जाए। 








All the contents on this site are copyrighted ©.