2015-12-18 14:04:00

क़ैदख़ाने से विस्थापितों की मदद


यानगो, शुक्रवार, 18 दिसम्बर 2015 (एशियान्यूज़): म्यानमार के काथलिकों ने विस्थापित लोगों के प्रति एकात्मता प्रदर्शित करने का निश्चय किया है जिसके तहत शिविरों में रह रहे लोगों के लिए ख्रीस्त जयन्ती के अवसर पर दोपहर का भोजन एवं चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध की जायेंगी।

पैट्रिक ली खान जो सेना प्रमुख मिन आंग हलाईंग पर फेसबुक में एक पोस्ट के कारण तीन वर्षों से जेल में हैं, क्रिसमस को जेल में मनाने के कष्टदायक विचारों के बीच काचिन एवं शान के हज़ारों विस्थापितों की याद की जिन्हें युद्ध के कारण विस्थापित होकर शिविरों में रहना पड़ रहा है।

जेल से अपने सहयोगियों को यह प्रस्ताव रखते हुए उन्होंने शरणार्थियों की मदद व्यक्तिगत रूप से नहीं कर पाने हेतु खेद जतायी तथा इस पहल में उन्हें अपना पूर्ण समर्थन देने का वचन दिया।

एशियान्यूज़ के अनुसार संत पापा फ्राँसिस के अह्वान पर करुणा के जयन्ती वर्ष के उपलक्ष में काथलिक कार्यकर्ता लाबांग खान जा द्वारा स्थापित ‘शेरिंग एज केरिंग’ नामक काथलिक अभियान में, विस्थापितों के भोज हेतु 1,000 म्यानमारी रुपया जमा किया जा रहा है। 

लाबांग खान जा ने कहा, ″क्रिसमस भोज के लिए 1,000 क्यात जमा किया जा रहा है जिससे कि शरणार्थी शिविरों में दोपहर का भोज दिया जा सके क्योंकि येसु का जन्म कठिन परिस्थिति में पड़े सभी लोगों का साथ देने, उनकी मदद करने तथा उनकी देखभाल करने का निमंत्रण देता है। कैदखाने का कोई भी कमरा पैट्रिक को लोगों के प्रति प्रेम, सहानुभूति एवं उदारता की भावना रखने से नहीं रोक सकता।

उन्होंने बतलाया कि इस अभियान को युवाओं एवं म्यानमार के काथलिक संगठन की ओर से बड़ा समर्थन मिल रहा है। स्थानीय काथलिकों का मानना है कि ग़रीबों, बच्चों, अनाथों तथा समाज से बहिष्कृत एवं युद्ध के कारण जिनके पास भोजन नहीं हैं उन्हीं लोगों में बालक येसु का दर्शन आसानी से किया जा सकता है।

विदित हो कि आगमन के इस अवधि में काथलिक संसार के मुक्तिदाता येसु की जयन्ती मनाने की आध्यात्मिक तैयारी करते हैं। यह वर्ष इस कारण भी खास है क्योंकि कलीसिया ने इसे करुणा की जयन्ती वर्ष घोषित कर विश्वासियों को जरूरतमंद लोगों पर विशेष ध्यान देने का अवसर प्रदान किया है।








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