2015-12-17 16:13:00

युवाओं के लिए प्रभु की ओर बढ़ने का अर्थ


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 17 दिसम्बर 2015 (वीआर सेदोक): ″हम सभी प्रभु की ओर बढ़ रहे हैं... प्रभु की ओर बढ़ने का अर्थ क्या है। यह बुराई का नहीं किन्तु अच्छाई का रास्ता है, बदले की भावना का नहीं क्षमाशीलता का रास्ता है, युद्ध नहीं शांति का तथा स्वार्थ नहीं एकात्मता का रास्ता है।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने गुरूवार को वाटिकन में ‘इताली काथलिक एक्शन’ (ए.सी.आर) के 60 युवा प्रतिनिधियों से मुलाकात कर कही।

क्रिसमस की शुभकामनाओं के पारंपरिक विनिमय के अवसर पर संत पापा ने ए. सी. आर दल के सदस्यों से कहा कि, ″परिवारों, स्कूलों, पल्लियों तथा खेल मैदानों में वे येसु की उपस्थिति का एहसास कराते हैं तथा लोगों को कलीसिया के करीब लाने का प्रयास करते हैं। उनके द्वारा लोग कलीसिया में अधिक संलग्न होने का अनुभव करते हैं तथा येसु को अपने बीच उपस्थित पाते हैं जो उन्हें आनन्द प्रदान करता है।

दल का आदर्श वाक्य है ″आपकी आर यात्रा करना।″ संत पापा ने कहा कि यह बहुत अच्छा है क्योंकि हम सभी प्रभु की ओर बढ़ रहे हैं... प्रभु की ओर बढ़ने का अर्थ क्या है। इसका अर्थ है बुराई का नहीं किन्तु अच्छाई का रास्ता अपनाना, बदले की भावना का रास्ता नहीं क्षमाशीलता का रास्ता, युद्ध नहीं शांति का तथा स्वार्थ नहीं एकात्मता के रास्ते पर चलने का प्रयास करना है।

संत पापा ने ‘इताली काथलिक एक्शन’के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहन दिया तथा उनपर ईश्वर की आशीष की कामना की।








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