2015-12-11 15:38:00

यहूदियों की जड़े ख्रीस्तीयता में, वाटिकन दस्तावेज


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 11 दिसम्बर 2015( सेदोक). पुराने व्यवस्थान और नये व्यवस्थान के बीच क्या संबंध है? ईश्वर की चुनी हुई प्रज्ञा इस्रलायल के प्रति की गई ईश्वर की प्रतिज्ञा कैसे नये विधान में येसु के क्रुस मरण द्वारा पूरी होती है? यहुदियों के बीच काथलिक सुसमाचार प्रचार का संदर्भ क्या है? ये सारे सवाल नये दस्तावेज के अन्तरिम अंग हैं जो वाटिकन के धार्मिक सम्मेलन ने यहुदियो से धार्मिक संबंध को लेकर बृहस्पतिवार को प्रकाशित किया।

दस्तावेज जिसे “वरदानें और ईश्वरीय अखण्डनीय बुलावा” द गिफ्टस एण्ड कालिंग ऑफ गॉड आर इरेभोकेबल नाम दिया गया है वाटिकन द्वितीय महासभा की नोस्त्रा आएताते की 50वीं वर्षगाँठ पर प्रकाशित किया गया है।

विदित हो की नोस्त्रा आएताते का चौथवाँ लेख काथलीक कलीसिया और यहुदियों के ईशशस्त्र से संबंधित है। नया दस्तावेज ईशशस्त्रीय सवालों जैसे कि प्रकाशना का महत्व, नये और पुराने व्यवस्थान के बीच संबंध और नया विधान, येसु ख्रीस्त में संसार की मुक्ति, यहावे की अपनी चुनी हुई प्रजा के प्रति की गई प्रतिज्ञा का अविखण्डन और कलीसिया का यहुदियों के बीच सुसमाचार प्रचार का संदर्भ की चर्चा गहनता से किया गया है। यह दस्तावेज सैद्धांतिक शिक्षा नहीं है, लेकिन द्वितीय वाटिकन महासभा के बाद विकसित किया गया वर्तमान धार्मिक सवालों पर यहूदियों के साथ धार्मिक संबंध के लिए आयोग द्वारा तैयार एक प्रतिबिंब है जो ईशशस्त्रीकरण की शुरूआत हेतु एक आधार शिला तैयार करता है।








All the contents on this site are copyrighted ©.