भोपाल, बृहस्पतिवार, 10 दिसम्बर 2015 (ऊकान): मध्यप्रदेश के काथलिक धर्माध्यक्ष चाको थोतुमारिकल ने सरकार प्रायोजित एक मुक्त मोतियाबिंद हटाने के कार्यक्रम में 40 लोगों की दृष्टि खो जाने के कारण स्थानीय अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
उन्होंने ऊका समाचार से कहा, ″मैं व्यक्तिगत रूप से अनुभव कर सकता हूँ कि ग़रीबों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जाता है। उनके साथ बहुधा चीज वस्तुओं के समान व्यवहार किया जाता तथा उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया जाता है।″ ऐसा लगता है कि सरकारी तंत्र शायद ही उनकी मानव प्रतिष्ठा का ख्याल रखती है जिसे कारण इस तरह की दुर्भाग्य पूर्ण घटनाएं घट रही हैं। उन्होंने कहा कि यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार अपने साधनों की प्रचुरता के बावजूद उन गरीब लोगों की आँखों की रोशनी को नहीं बचा पायी।
विदित हो कि राज्य के बारवानी जिले में गरीबों के लिए 16 से 24 नवम्बर तक गैरसरकारी स्वंय सेवकों की मदद से चिकित्सा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। चिकित्सा कार्यक्रम के तहत कुल 86 लोगों की आँख का ऑपरेशन किया गया जिनमें 60 लोगों का गंभीर फफूंदीय संक्रमण हो गया। रिपोर्ट के अनुसार लगभग 40 लोगों ने अपने आँखों की रोशनी पूरी तरह खो दी।
धर्माध्यक्ष चाको ने कलीसिया द्वारा आयोजित चिकित्सा कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि सीमित साधनों के बावजूद कलीसिया द्वारा चलाये गये चिकित्सा कार्यक्रमों में मरीजों को शत प्रतिशत स्वस्थलाभ प्राप्त होता है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लापरवाही बरतने वाले उस चिकित्सा शिविर पर अस्थायी रूप से प्रतिबंधित लगा दिया है।
धर्माध्यक्ष ने गौर किया कि यह घटना पहली नहीं है सन् 2012 में हुए चिकित्सा शिविर में 10 लोगों की दृष्टि चली गयी थी।
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