2015-12-07 16:23:00

विश्व बुलाहट दिवस हेतु संत पापा का संदेश और प्रार्थना


वाटिकन सिटी, सोमवार, 7 दिसम्बर 2015 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने विश्व बुलाहट दिवस हेतु प्रार्थना और अपना प्रेरितिक संदेश देते हुए कहा,

मेरे प्रिय भाई एवं बहनो

करूणा की जयन्ती के अवसर पर मेरी बड़ी आशा है कि बपतिस्मा प्राप्त सारे कलीसिया में जुड़ें होनी की खुशी का अनुभव करें और अपने ख्रीस्तीय बुलाहट में सुद्दढ़ रहे जैसा की सभी बुलाहट ईश्वरीय योजना से उत्पन्न होता और उनकी कृपा और दया की निशानी है। कलीसिया दया का घर और वह मुट्टी है जहाँ बुलाहट की जड़ें बढ़ती, मजबूत होती और फलदायक होती हैं।

53वें विश्व बुलाहट हेतु प्रार्थना के अवसर पर मैं आप सब को प्रेरितिक समुदाय पर मनन ध्यान और बुलाहटीय जीवन में प्रत्येक की सहभागिता हेतु ईश्वर को धन्यवाद देने हेतु निमंत्रण देता हूँ। करूणा की जयंती के शुभावसर पर मैं संत बेदे के वचनों की याद करता हूँ जो संत मत्ती के बुलावे की ओर हमारे ध्यान खींचता है। ईश्वर की दयालुता हमारे पापों को क्षमा कर हमें नये जीवन की ओर ले चलता और हम प्रेरितिक कार्य में येसु के शिष्य बन जाते हैं। कलीसियाई बुलाहट येसु के प्रेममयी नजरों में निहित है। मनपरिवर्तन और बुलाहट एक सिक्के के दो पहलू हैं और ये दोनों हमेशा एक प्रेरितिक शिष्य के जीवन में जुड़े रहते हैं।

धन्य पॉल 5वें प्रेरिताई को लेकर कहते हैं कि यह ख्रीस्तीय समुदाय के जुड़े रहने की माँग करता है जहाँ हमें विश्वास का वरदान मिला है जिसे हम बाँटने के लिए अपना जीवन दूसरों को देते हैं। यह कलीसिया के जीवन के धनी बनाता है विशेष कर संस्कारों को। कलीसिया केवल विश्वास का स्थल नहीं है वरन् यह हमारे विश्वास का ठोस आधार है और इसीलिए हम कहते हैं कि “मैं कलीसिया में विश्वास करता हूँ।”

ईश्वर की वाणी के हम मनन ध्यान के द्वारा अनुभव करते हैं। ईश्वर हमें कलीसिया का अंग होने के लिए बुलाते हैं और जब हम एक निश्चित मुकाम तक पहुँचते हैं तो वे हमें एक विशेष बुलाहट की कृपा से भर देते हैं। बुलाहट हमें अपने आप से बाहर निकलने और दूसरों से प्यार में जुड़ने को प्रेरित करता है। यह हमारे जीवन को अपने लिए नहीं वरन् ईश्वरीय योजना के अनुरूप दूसरों के लिए जीने हेतु प्रेरित करता है।

संत पापा ने कहा कि बुलाहट की शुरूआत कलीसिया में होती है यह कलीसिया में विकसित होता और कलीसिया के द्वारा ही बना रहता है।

हम ईश्वर से प्रार्थना करें कि वे हमें अपनी बुलाहट रूपी यात्रा में एक दूसरे से और कलीसिया से जुड़े रहने में मदद करें और पवित्र आत्मा पुरोहितों और सभी विश्वासियों  को अपने आध्यात्मिक आत्म-परिक्षण, मतृत्व और पतृत्व के वरदानों से अनुगृहित करता रहे। 








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