2015-12-05 16:19:00

काथलिक अभिभावकों से संत पापा ने कहा, सेतु का निर्माण करें


वाटिकन सिटी, शनिवार, 5 दिसम्बर 2015 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में शनिवार, 5 दिसम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने इटली के काथलिक स्कूल अभिभावक संघ के 420 सदस्यों से मुलाकात कर कहा कि वे यह सुनिश्चित करने हेतु निरन्तर प्रयास करें कि काथलिक स्कूल सभी के लिए उदार है। प्रभु येसु जो नाज़रेथ के पवित्र परिवार में उम्र, प्रज्ञा तथा अनुग्रह में बढ़े, उनके प्रयासों को बल प्रदान करे तथा उनके दैनिक समर्पण को आशीष दे।

संत पापा ने अभिभावकों को सम्बोधित कर कहा, ″आप यहाँ न केवल विश्वास की अपनी यात्रा को सुदृढ़ करने किन्तु उस समर्पण की सच्चाई को प्रकट करने आये हैं जो आपको अलग पहचान देता है कि आप ईश्वर तथा कलीसिया के अनुसार शिक्षा देते हैं।″ उन्होंने कहा कि मैं आपसे समावेशी शिक्षा की अपील करता हूँ ऐसी शिक्षा जो सभी को स्वीकार करता तथा किसी पर भेदभाव नहीं रखता।

संत पापा ने संगठन की चुनौतियों पर गौर करते हुए कहा कि यद्यपि स्कूलों तथा परिवारों के बीच सेतु निर्माण करना जटिल कार्य है तथापि संगठन स्कूल एवं राज्यों, परिवारों एवं सिविल संस्थाओं को जोड़ने हेतु अपना सहयोग दे रहा है।

संत पापा ने संगठन की विशेषता पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि एक कलीसियाई संघ होने के नाते यह कलीसिया के केंद्र से दयालुता प्रदर्शित करता हैं जो उनके कर्तव्य को सेवा में बदल देता है। बच्चों की शिक्षा के अधिकार की रक्षा करना अभिभावक का पहला कर्तव्य है तथा स्कूल की मदद करना उनका निरन्तर एवं सकारात्मक कार्य होना चाहिए। संत पापा ने कहा कि यह माता-पिता पर निर्भर करता है कि वे अपने बच्चों के लिए समग्र, प्रमाणिक मानवीय शिक्षा एवं ख्रीस्तीय मूल्यों की शिक्षा की मांग करते हैं। संत पापा ने अभिभावकों से निवेदन किया कि काथलिक स्कूलों में ‘काथलिक’ शब्द के अर्थ को यों ही जाने न दें बल्कि काथलिक शिक्षकों के रूप में अंतर लायें।

संत पापा ने इसके लिए अभिभावकों को सलाह दी कि वे स्कूल एवं समाज के बीच सेतु का निर्माण करें जहाँ शिक्षकों के साथ, विद्यार्थी एवं अभिभावक मिल कर शिक्षण समुदाय का निर्माण करें। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि वे दुनिया के बाहर न रहें किन्तु समाज में खमीर की तरह कार्य करें, समाज एवं संस्कृति के पीछे छिपकर पार होने से बचने का उपाय एवं माध्यम ढूँढ़ना सीखें। समाज में बहिष्कृत, परित्यक्त तथा भूलाये गये लोगों को विशेष ख्याल दें।

संत पापा ने सलाह दी कि वे काथलिक स्कूलों को अपना उदार सहयोग दें ताकि यह अन्य शिक्षण संस्थाओं के सामने महत्वहीन न बन जाय। यह सुनिश्चित करें कि काथलिक स्कूल सचमुच सभी के लिए उदार है।








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