2015-12-04 14:26:00

यदि आप मुझे खुश करना चाहते हैं तो बाईबल पढ़ें


वटिकन सिटी, शुक्रवार, 4 दिसम्बर 2015, (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने बाक्युम महाविद्यालय में नये विधान के प्राध्यापक, थोमस सोडिंग से प्रेरणा प्राप्त कर युवाओ के लिए बाईबल की एक नई प्रस्तावना लिखी है।

संत पापा ने प्रस्तावना में कहा “उनके पास एक पुरानी, फटी, हाथ में समाने वाली बाईबल है जो उनके लिए अमूल्य निधि है। मैं दुनिया के लिए इसे देना नहीं चहूँगा।” उन्होंने कहा कि एक हजार यूरो की नयी बाईबल की चाह उन्हें नहीं है। “ मुझे अपनी पुरानी बाईबल से प्यार है जो मेरे साथ मेरी खुशियों को बाँटती है और जो मेरे आँसूओँ से भींगी हुई है।”

उन्होंने कहा कि कितने ही ख्रीस्तीय पहले की तुलना में अभी सताये जाते हैं क्योंकि वे क्रूस और बाईबल को अपने में धारण करते हैं। उन्होंने महात्मा गाँधी के वचनों को उद्धरित करते हुए कहा, “एक पुस्तक ख्रीस्तीयों के लिए दी गई है, पुस्तक जिसमें दुनिया की सभ्यता को लाखों टुकड़ों में बदल डालने और दुनिया जो युद्ध से छिन भिन्न है शांति स्थापना करने की आपार शक्ति है। यद्पि आप इसे मात्र एक साहित्य की तरह देखते हैं।”  

संत पापा ने कहा, “आप अपने हाथों में कुछ चीज को पकड़े जो सचमुच दैवीय हो, एक प्रज्जवलित पुस्तक जिसके द्वारा ईश्वर आप से कहते हैं।” महात्मा गांधी की बातों पर बल देते हुए उन्होंने कहा, “ बाईबल आपके पुस्तकों की अलमारी में रखने हेतु नहीं लिखी गई है वरन् यह प्रतिदिन पढ़ने हेतु है।”  

उन्होंने युवाओं का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, “आप इसे ध्यान से पढ़ें। इसे आप सरसरी निगाहों से कहानी पुस्तिका की तरह न पढ़ें। ईश वचन सरसरी नजरों ने नहीं पढ़ा जा करता है। आप अपने से पूछें, बाईबल मेरे दिल में क्या संदेश दे रही है? ईश्वर अपने वचनों के द्वारा मुझे क्या कहना चाहते हैँ? ” संत पापा ने अपने बाईबल पढ़ने के तरीके को साझा करते हुए कहा कि वे बाईबल का अध्ययन इस भाँति करते हैं जैसा एक पुत्र पिता के निकट बैठा हो। अंत में संत पापा ने युवाओ का आहृवान करते हुए कहा “यदि आप मुझे खुश करना चाहते हैं तो बाईबल पढ़ें।”








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