ढाका, शानिवार,21 नवम्बर 2015 (ऊका न्यूज) इस्लामिक स्टेट आई. एस. ने विदेशों में प्रेरितिक कार्य परमधर्मापीठीय संस्थान के 64 वर्षीय इतालवी पुरोहित पारोलारी पेयेत्रो पर जानलेवा हमले की जिम्मेदारी ली है।
जेहादी समुदाय ने इसके पहले भी एक अन्य इतालवी कार्यकर्ता चेसारे ताबेला की 28 सितम्बर को ढाका में हत्या कर दी थी जबकि की 3 अक्टूबर को उन्होंने ही रांगपुर जिला में एक जापानी नागरिक पर जानलेवा हमले की जिम्मेदारी ली है। जेहादी समुदाय ने 24 अक्टूबर को शिया समुदाय के सम्मेलन में भी बम गिराने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली है जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों घायल हो गये थे।
18 नवम्बर के जानलेवा हमले के बाद जहाँ उन्हें सिर और गले में अंधाधुंध गोली मारी गई थी उनका उपचार दीनाजपुर के मेडिकल अस्पताल हुआ और फिर मिल्ट्री अस्पताल ढाका में तबादला कर दिया गया है ताजा खबरों के अनुसार फादर खतरे से बाहर हैं।
दीनाजपुर के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि फादर पियेत्रो के हमले के संबंध में जम्मात-ए-इस्लामी दल के 11 लोगों को हिरासत में कर पूछताछ कर रही है। उन्होंने बतलाया की फिलहाल की घटनाओं के बाद सभी गिरजाघरों और विदेशी मिशनरियों के निवास स्थानों में कड़ी सुरक्षा के प्रबंध कराये गये हैं।
ठाकुर गाँव, क्वीन ऑफ फातीमा के स्थानीय पल्ली पुरोहित अन्तोनी सेन के इस घटना में इस्लामिक समुदाय की संलिप्ति पर गहरा खेद जताया है।
इस घटना के विरोध में ख्रीस्तीयों ने 18 नवम्बर को उत्तरी राजशाही में एक प्रदर्शन किया। काथलिक धर्माध्यक्षों का न्याय और शांति सम्मेलन ने बगला देश ख्रीस्तीय समुदायों के साथ मिलकर 21 तारीख को ढाका में एक बृहद प्रदर्शन का आयोजन किया है।
न्याय और शांति समिति के अध्यक्ष थेवोफिल नोकरेक ने कहा, ″ हमें नहीं पता कि कलीसिया में मिशनरी कार्य कर रहे लोगों को मारने से उग्रवादियों को क्या मिलेगा। हमारे लिए यह चिंता का विषय है। हमने सरकार से निवेदन किया है कि ऐसी घटनाओं की सही तहकीकात हो जिससे दोषियों को उचित सजा दी जा सके।″
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