2015-11-20 14:57:00

चाहत रूपी दावाईयों से बचें, संत पापा


वाटिकन सिटी,शुक्रवार, 20 नवम्बर 2015 (सेदोक) संत पापा फाँसिस ने 38वीं परमधर्मपीठीय स्वास्थ्य संगठन के कार्यकर्ताओँ और संत पापा जोन पॉल द्वितीय द्वारा प्रकाशित ″इवानजलेयुम वीते″ की 20वीं वर्षगाँठ के अवसर पर रोम में आयोजित अन्तराष्ट्रीय स्वस्थ्य सम्मेलन के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।

सम्मेलन में सहभागी सदस्यों को संबोधित करते हुए संत पापा ने कहा कि आप इन दिनों में जीवन के मूल्य और उससे भी बढ़कर इसे प्यार करना और जीवन की रक्षा करना विशेषकर उनकी जो शरीरिक और आध्यात्मिक रूप से कष्ट सह रहे है जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। संत पापा ने कहा इन विषयों पर हम और अधिक चर्चा आने वाली करुणा की जंयती वर्ष में करेंगे।

विश्व प्रत्र ″ इवानजेलीयुम वीते ″ पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह आतिथ्य, प्रेम, समझ और दया की चर्चा करता है। अपने संबोधन मे संत पापा ने इस बात पर जोर देते हुए सचेत किया कि वे चाहत की दवा से बचे। एक मानसिकता जो विकसित देशों में बढ़ रही है जो की किसी कीमत पर चेहरे की सुन्दरता को कायम रखना चाहते हैं, एक मानसिकता जो खास कर गरीबो को तुच्छ समझती क्योंकि उनके पास साधन नहीं है। 

सृष्टि की ओर प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा की वास्तव में कलीसिया की चिंता है कि परिवार और पर्यावरण को हमारी देख-रेख की जरुरत है जिससे हम इसे अपने आने वाली पीढ़ी को विरासत के रूप में दे सकें। संत पापा ने सभी प्रतिभागियों का हौसला बढ़ते हुए कहा कि अपने कामों में उन लोगों की सेवा और चिंता करें जो पर्यावरण के अंसतुलन से प्रभावित हैं जिसके कारण उनका जीवन हमेशा के लिए ख़तरे पड़ गया है।








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