2015-11-16 16:17:00

येसु की ओर ध्यान गड़ाये जो सदैव आप के साथ हैं


वाटिकन सिटी, सोमवार, 16 नवम्बर 2015, (सेदोक) संत पापा फाँसिस ने रविवारीय देवदूत संदेश प्रार्थना के पूर्व संत पेत्रुस के प्रांगण में जमा हुए तीर्थयात्रियों  और विश्वासियों को संबोधित करते हुए कहा-

प्रिय भाइयो एवं बहनो

पूजन विधि वार्षिक कालचक्र का रविवारीय सुसमाचार हमें येसु की शिक्षा के उस भाग, मानव इतिहास के जीवन के बाद की घटनाओं की चर्चा करता है, जो ईश्वरीय राज्य की स्थापना की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। यह वह वक्तव्य है जिसे येसु ने येरूसलेम में अपने अंतिम पास्का के पूर्व दिया। इसमें कुछ सर्वनाश संबंधी बातों का जिक्र हैं जैसे लड़ाइयाँ, आकालें, ब्रह्मांडलीय आपदाएं, "सूर्य अन्धकारमय हो जाएगा, और चन्दमा प्रकाश नहीं देगी, तारे आकाश से गिर जायेंगे और आकाश की शक्तियां हिला जाएँगी", यद्यपि ये चीज़ें संदेश का मुख्य भाग नहीं हैं। इन सभी तथ्यों के पीछे येसु अपने मानवीय जीवन के रहस्य, अपनी मृत्यु, पुनरुत्थान और संसार के अन्त में अपने पुनरागमन की बात को बतलाते हैं।

हमारे जीवन का अंतिम लक्ष्य पुनर्जीवित येसु से मिलना है। मैं आप से पूछना चहूँगा हम में से कितने हैं जो इसके बारे में सोचते हैं। एक दिन आयेगा जहाँ हम ईश्वर के आमने-सामने होंगे और यही हमारे जीवन का लक्ष्य है। हम में से कोई उस समय और स्थान को नहीं जानता लेकिन हमें एक व्यक्ति से मिलना है और वे येसु हैं। हमारे लिए मुसीबत यह नहीं है कि सचेत करने वाली ये चीज़ें कब होंगी लेकिन हम इसके लिए कितना तैयार और तत्पर हैं। हम यह भी नहीं जानते कि ये सारी चीजें कैसे होंगी लेकिन उनसे मिलने हेतु हम अपने को इस क्षण कैसे तैयार कर रहे हैं। हमें वर्तमान में जीने, अपने भविष्य को शांति में सँवारने और ईश्वर में विश्वास करने का निमंत्रण दिया जा रहा है। गूलर पेड़ में फूलते लगने का दृष्टान्त ग्रीष्म काल के आने की निशानी है और यह हमें यही संदेश देता है की दुनिया के अंत में होने वाली चीजों का दृश्य हमें वर्तमान व्यक्तिगत जीवन से विचलित न करें वरन् हमारे जीवन को आशा की नज़रों से देखने में सहायता दे। हमारे विश्वास का एक चेहरा है और वे हमारे पुनर्जीवित प्रभु येसु ख्रीस्त हैं जो महिमा और प्रताप में विराजमान हैं यह यही इंगित करता है कि क्रूसित प्यार पुनरुत्थान में परिणत हो गया है। येसु की जीत संसार के अंत में क्रुस की जीत होगी। अपने पड़ोसियों के लिए किया गया त्याग और प्यार हमारे लिए येसु ख्रीस्त के अनुसरण का एक प्रमाण है, जो दुनिया में सभी त्रासदियों और उथल-पुथल के बीच जीत की एक मात्र ताकत है।

येसु ख्रीस्त दुनिया की यात्रा में हमारी पराकाष्ठा मात्र नहीं हैं बल्कि वे हमारे जीवन में सदैव उपस्थित हैं। वे हमारे साथ चलते हैं। जब वे हमें भविष्य के बारे में कहते और हमेशा उसकी ओर आगे बढ़ने को प्रेरित करते हैं तो वे हमें अपने वर्तमान को जीने कहते हैं। वे अपने शिष्यों के जीवन से उम्र की तारीख़ों, कुण्डलियों और अनुमानों को दूर करना चाहते और उनका ध्यान वर्तमान जीवन में केन्द्रित करना चाहते हैं। जब आप अपनी कुण्डली देखने की चाह रखते हैं तो येसु की ओर ध्यान गड़ाये जो सदैव आप के साथ हैं। जो हमारे जीवन में अच्छाइयों को ले कर आता है।

आज भी दुनिया में प्राकृतिक आपदाएं, नैतिक और विभिन्न प्रकार की कठिनाइयाँ भरी पड़ी हैं। सभी चीजें बीत जाती हैं केवल येसु के वचन रह जाते जो ज्योति बनकर हमारे जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हैं। मरियम जो हमारी लिये जीवन की नींव हैं हमें येसु में विश्वास करने हेतु मदद करती और हमें खुशी से उनके प्यार में बनाये रखती हैं। इतना कहने के बाद संत पापा ने विश्वासियों के साथ मिलकर देवदूत प्रार्थना का पाठ किया।

देवदूत प्रार्थना के उपरान्त संत पापा ने कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो,

मैं शुक्रवार को फ्रांस में हुए खूनी आक्रमण के प्रति गहरा खेद व्यक्त करता हूँ जिसमें बहुत से लोगों हताहत हुए। गणतंत्र फाँस के राष्ट्रपति और देश के नागरिको मैं आप सब के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। मैं उन परिवारों के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करता हूँ जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और जिनके प्रियजन घायल हो गये हैं।   

ऐसी क्रूरता हमें आघात पहुँचती हैं और हमें आश्चर्य होता है कि कैसे मानव हृदय ऐसे घिनौने काम कर सकते हैं हम नहीं समझ सकते। यह घटना न केवल फ्रांस को वरन सारी दुनिया को हिला कर रख दिया है। इन असहनीय कृत्यों में को देखकर कोई मानवीय गरिमा के प्रति किये गये इस कार्य की केवल निंदा ही कर सकता है। मैं जोर देते हुए यह कहना चाहता हूँ कि हिंसा और घृणा के मार्ग मानवता की कठिनाइयों का समाधान नहीं हैं।

आप सब को मैं प्रार्थना के लिए आमंत्रित करता हूँ। हम इस हादसे के शिकार सब असहाय लोगों को पिता के हाथों में सुपुर्द करते हैं। कुँवारी मरिया दया की रानी, सब के हृदय में प्रज्ञा और शांति की भावना प्रेरित करे। हम उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे फ्राँस और यूरोप की देखभाल और रक्षा करें।

इसके बाद संत पापा ने जनसमूह को जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने, ब्राजील, मिनास गेरियास राज्य के तेस पोन्तस में डॉन फाँसिस्को डे पॉवला विक्टर, अफ़्रीक़ी देश के एक गुलाम के सुपुत्र, ब्रजीलियन पुरोहित, को धन्य घोषित किया है। उन्होंने बड़ी उदारता और जोश से धर्मशिक्षा और संस्कारों का अनुष्ठान किया, खास कर नम्रता उनका विशिष्ट गुण रहा है। उनका अति विशेष साक्ष्य हम सभी पुरोहितों के लिए आदर्श बने जो कि ईश्वरीय सेवक होने के लिये बुलाये गये हैं।

परिवारों, पल्लियों, संगठन और विश्वासियों, इटली और दुनिया के विभिन्न स्थानों से आये हैं, आप सब का मैं अभिवादन करता हूँ। विशेष कर मैं गरान्डा, मालगा, वलेनसिया, स्पेन सान सालभारोद और मालटा से आये आप तीर्थयात्रियों का जो मरियम के तीर्थ और ख्रीस्त राजा के चिरकालिक संस्थान को विश्व के विभिन्न स्थानों तक ले जाते हैं। अंत में संत पापा ने सबों को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।
 








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