2015-11-14 16:28:00

कलीसिया में ग़रीबों की आवाज


मनिला, शनिवार, 14 नवम्बर 2015 (ऊकान): ″गरीबों की कलीसिया का अर्थ है कलीसिया में ग़रीबों की आवाज।″ यह बात फिलीपींस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष, लिंगायेन डांगुपान के महाधर्माध्यक्ष सोक्रेटस बी विल्लेगस ने कही।

लघु कलीसियाई समुदाय बी. ए. सी. की राष्ट्रीय सभा में भाग ले रहे करीब 2000 पुरोहितों, धर्मबहनों एवं लोक धर्मियों को सम्बोधित कर उन्होंने कहा कि प्रत्येक बी ए सी को ग़रीबों के लिए एक लघु कलीसिया बनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कलीसियाई समुदाय, गरीबों को खाद्य, आवास तथा दवाई उपलब्ध कराने मात्र से गरीबों की कलीसिया नहीं बन जाती। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि वे इसलिए कलीसिया की सहयोग प्राप्त करते हैं कि वे कलीसिया के सदस्य हैं।

उन्होंने बी ए सी के सदस्यों को स्मरण दिलाया कि उनका यह कार्य समुदाय की संख्या बढ़ाना मात्र नहीं है वरन् इसके द्वारा दुनिया में परिवर्तन लाना चाहिए।

चार दिवसीय सभा की शुरूआत 11 नवम्बर को हुई जिसकी विषयवस्तु थी, ″वाटिकन द्वितीय महासभा का 50 वर्षीय नवीनीकरण, बीएसी, शिष्यों की एक प्रेरितिक समुदाय तथा ग़रीबों की कलीसिया।″

विदित हो कि फिलीपीनी कलीसिया वाटिकन द्वितीय महासभा की 50 वीं जयन्ती मना रही है तथा इस वर्ष को ग़रीबों के लिए समर्पित वर्ष घोषित किया गया है।

लघु कलीसियाई समुदाय की स्थापना सन् 2007 ई. में फिलीपींस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा की गयी है। 








All the contents on this site are copyrighted ©.