2015-11-13 16:50:00

संत पापा का लोकधर्मियों के नाम संदेश


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 13 नवम्बर 2015 (वीआर सेदोक): वाटिकन द्वितीय महासभा के दस्तावेज ‘अपोस्तोलिकम अक्तोसितातेम’ की स्वर्ण जयन्ती पर, लोकधर्मियों की बुलाहट एवं प्रेरितिक के लिए बनी परमधर्मपीठीय सम्मेलन को संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 12 नवम्बर को एक संदेश प्रेषित किया।    

लोकधर्मियों की प्रेरिताई के लिए बनी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल स्तानिस्तास योलको के नाम अपने संदेश में संत पापा ने द्वितीय वाटिकन महासभा को कृपा का महान अवसर बतलाते हुए उसकी जयन्ती को संत पापा पौल षष्टम के शब्दों में कहा, ″यह प्रेम का तीन स्तरीय कार्य है, ईश्वर, कलीसिया तथा मानव जाति का कार्य। धर्माचार्यों को प्रेरित करने वाला नवीकृत प्रेम का यह मनोभाव, कलीसिया तथा दुनिया में लोकधर्मियों की बुलाहट एवं प्रेरिताई को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है जो अन्य दो बड़े दस्तावेजों लुमेन जेंसियुम तथा गौदियुम एत स्पेस में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करता है।  

संत पापा ने कहा कि लोकधर्मियों की सेवा पुरोहिताई वर्ग में द्वितीय श्रेणी का कार्य नहीं है बल्कि येसु द्वारा बुलाये गये शिष्यों के समान सब लोगों के बीच और सब जगह सुसमाचार के मूल्यों को प्रेरित और प्रसारित करना है। संत पापा ने सम्मेलन में सहभागी होने वाले सभी प्रतिभागियों को उत्साहित करते हुए कहा कि वे प्रार्थना करें ताकि यह दस्तावेज पुरोहितों और विश्वासियों को वाटिकन द्वितीय महासभा की बातों को अपने जीवन में जीने और लागू करने में सहायक सिद्ध सके।

ज्ञात हो कि वाटिकन द्वितीय महासभा के दस्तावेज ‘अपोस्तोलिकम अक्तोसितातेम’ की स्वर्ण जयन्ती पर लोकधर्मियों की प्रेरिताई के लिए बनी परमधर्मपीठीय समिति ने रोम के पवित्र क्रूस को समर्पित परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय में सभा का आयोजन किया।








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