2015-11-11 17:32:00

कलीसिया लोगों के बीच और लोगों के लिए


वाटिकन सिटी, बुधवार, 11 नवम्बर 2015 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने 10 नवम्बर को इटली के फ्लोरेन्स शहर की अपनी एक दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के दौरान ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कहा कि कलीसिया को लोगों के बीच तथा उनके लिए समर्पित होने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि कलीसिया को लोगों के जीवन और उनकी वास्तविक घटनाओं से सही संबंध स्थापित करने की जरूरत है। येसु के शिष्यों को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि वे लोगों के बीच से आते हैं अतः उन्हें तटस्थ जीवन जीने की मानसिकता से बचना चाहिए।

संत मत्ती रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन करते हुए संत पापा ने भक्त समुदाय से कहा कि येसु अपने चेलों से यह जानना चाहते थे कि लोग उनके बारे क्या कहते हैं। संत पापा ने उन्हें सचेत करते हुए कहा कि अपने बारे लोग क्या सोचते हैं उसे अनभिज्ञ रहने के कारण एक शिष्य अपने को लोगों से अलग पाता है और वह लोगों को अपनी सोच और विचारों के अनुरूप देखने लगता है।

संत पापा ने कहा कि इसी कारण एक शिष्य को लोगों के जीवन और उनके जीवन की घटनाओं से सहृदयता से जुड़े रहने की आवश्यकता है। कहा जाये तो यही एक मात्रा तरीका है जिसके द्वारा हम उनकी सहायता कर सकते हैं।

संत पापा ने कहा कि हमें येसु पर व्यक्तिगत विश्वास उत्पन्न करने की जरूरत है कि वे ईश्वर के पुत्र है। जब हम केवल इस सच्चाई को स्वीकारते तो हम अपनी मानवीय स्थिति को समझते इसकी सेवा में अपने को देते हैं।

संत पापा ने कहा कि खुशी हमें विश्वास को बांटने में है। उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय एक नये समाज के निर्माण की सोच रखता है जहां कोई असमानता और भेदभाव नहीं है। जहां हमारी सेवा सबसे महान गुण है जो ग़रीबों की मदद हेतु सदैव तैयार रहती है। मानवता का आधार सेवा हैं आइये हम इसी मानवता हेतु प्रार्थना करें कि यह इटली और सम्पूर्ण विश्व में फैले।








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