रोम, सोमवार, 10 नवम्बर 2015 (वीआर अंग्रेजी): रोम स्थित संत जॉन लातेरन महागिरजाघर के समर्पण महापर्व पर 9 नवम्बर को, संत पापा फ्राँसिस ने समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए, रोम धर्मप्राँत के लिए सहायक धर्माध्यक्ष अंजेलो दी दोनातिस का धर्माध्यक्षीय अभिषेक किया।
रोम एवं विश्व की कलीसिया की माता कही जानी वाली संत जॉन लातेरन महागिरजाघर में धर्माध्यक्षीय अभिषेक की धर्मविधि का अनुष्ठान करते हुए संत पापा ने प्रवचन में धर्माध्यक्ष की भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ″अपने पुरोहितों के साथ एक धर्माध्यक्ष में येसु ख्रीस्त उपस्थित होते हैं जो एक महा- पुरोहित बनकर हमारे बीच रहते हैं। धर्माध्यक्ष की प्रेरिताई द्वारा ख्रीस्त स्वयं सुसमाचार की घोषणा करना जारी रखते हैं तथा विश्वास करने वालों के लिए विश्वास के रहस्य को प्रकट करते हैं। धर्माध्यक्षों के पिता सुलभ कार्यों द्वारा ख्रीस्त कलीसिया रूपी अपने शरीर में नये सदस्यों को जोड़ते हैं। धर्माध्यक्षों की प्रज्ञा द्वारा वे विश्वासियों को अनन्त जीवन की राह पर ले चलते हैं।″
संत पापा ने नव अभिषिक्त धर्माध्यक्ष को स्मरण दिलाया कि वे ईश्वर द्वारा चुने गये हैं। धर्माध्यक्ष का पद सम्मान के लिए नहीं किन्तु एक जिम्मेदारी है अतः उसे सेवा से प्रेरित होना चाहिए, न कि शासन करने के प्रलोभन में पड़ना चाहिए। संत पापा ने कहा कि चाहे लोग स्वीकार करें अथवा न करें धर्माध्यक्ष सुसमाचार का प्रचार करने के लिए बुलाये जाते हैं। धीरज खोये बिना गलतियों का सुधार करें एवं उन्हें शिक्षा दें। अपनी रेवड़ के लिए प्रार्थना करें एवं बलिदानों का अनुष्ठान करें। ख्रीस्त की पवित्रता द्वारा उनके लिए हर प्रकार की कृपा प्राप्त करें, विशेष कर, उन सभी को प्यार करें जिन्हें आपकी निगरानी में सौंपी गयी है।
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