2015-11-09 16:35:00

प्रचुरता नहीं किन्तु सम्पूर्णता का दान ही प्रेम का सच्चा मापदंड


वाटिकन सिटी, सोमवार, 9 नवम्बर 2015 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण रविवार 8 अक्तूबर को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भइयो एवं बहनो, सुप्रभात, इस रविवार का सुसमाचार पाठ दो मुख्य बातों का जिक्र करता है, पहला, कि व्यक्ति किस तरह ख्रीस्त का शिष्य नहीं बन सकता और दूसरा, आदर्श ख्रीस्तीय जीवन का प्रस्ताव।″

संत पापा ने सुसमाचार पाठ के प्रथम भाग पर गौर करते हुए कहा, ″पहले भाग में येसु सदूकियों एवं शास्त्रियों की आलोचना करते हैं क्योंकि उनकी जीवनशैली में तीन त्रुटियाँ हैं, घमंड, लालच तथा दिखावा। येसु कहते हैं, ″शास्त्रियों से सावधान रहो। लम्बे लबादे पहन कर टहलने जाना, बाज़ारों में प्रणाम प्रणाम सुनना, सभागृहों पर प्रथम स्थानों पर विराजमान होना यह सब उन्हें बहुत पसंद है।″ (मार.12:38,39) किन्तु अपने इस पवित्र परिधान में वे झूठ और अन्याय को छिपाते हैं। वे विधवाओं की सम्पति चट कर जाते हैं अनाथ, परदेशी तथा सबसे कमजोर लोगों के साथ अन्याय करते हैं जबकि दिखावे के लिए लम्बी-लम्बी प्रार्थनाएँ करते हैं। (पद. 40)

संत पापा ने कहा कि आज भी इन त्रुटियों को अपनाने का प्रलोभन है, जब प्रार्थना को न्याय से अलग किया जाए। हम एक ओर ईश्वर की पूजा एवं दूसरी ओर ग़रीबों के शोषण को एक साथ लेकर नहीं चल सकते। ईश्वर से प्रेम करने का दावा करने वाला व्यक्ति जब अपनी महिमा एवं लाभ की खोज करने लगता है तो वह भी उसी प्रलोभन में पड़ता है।

सुसमाचार के पहले भाग पर ध्यान आकृष्ट करने के बाद, संत पापा ने दूसरे भाग के बारे कहा कि यह दृश्य येरूसालेम मंदिर का है, ठीक उस स्थान का, जहाँ लोग दान दे रहे थे। वहाँ कई धनी व्यक्ति मौजूद थे जो बहुत अधिक दान दे रहे थे किन्तु उसी समय एक कंगाल महिला भी आयी। वह विधवा थी और उसने दो अधेले दान दिये। येसु ने महिला को गौर से देखा तथा अपने शिष्यों का ध्यान इस दृश्य की तीव्र विषमता की ओर आकृष्ट किया। उन्होंने कहा, ″खजाने में पैसा डालने वालों में से इस विधवा ने सब से अधिक डाला है क्योंकि सब ने अपनी समृद्धि से कुछ डाला परन्तु इसने तंगी में रहते हुए भी जीविका के लिए अपने पास जो कुछ था वह सब दे डाला।″(44) वह कंगाल विधवा अपनी गरीबी के कारण एक अधेला मंदिर के लिए दान कर दूसरा अधेला अपने लिए रख सकती थी किन्तु उसने ऐसा नहीं किया किन्तु वह जानती है कि ईश्वर को आधा देना शून्य के बराबर है।

अपनी गरीबी में भी उसने समझ लिया था कि ईश्वर को प्राप्त कर लेना ही उसके लिए सब कुछ था। उसने ईश्वर द्वारा पूर्णता प्यार किये जाने का एहसास किया था और जिसके बदले उसने अपना सब कुछ उन्हें दान किया। संत पापा ने कहा कि उस बूढ़ी औरत का उदाहरण सर्वोत्तम उदाहरण है। येसु अपने शिष्यों को बतलाते हैं कि प्रचुरता नहीं किन्तु पूर्णता ही मापदंड है। प्रचुरता एवं पूर्णता में अंतर है। बहुत अधिक रूपया होने पर भी आप खाली हो सकते हैं पूर्णता हृदय में होती है। मात्रा एवं पूर्णता के बीच अंतर दिखाने के लिए निवेश सूची की आवश्यकता नहीं है किन्तु हृदय की आवश्यकता।

संत पापा ने कहा कि सारे हृदय से येसु को प्यार करने का अर्थ है उनकी कृपा पर भरोसा रखना तथा बिना कुछ पाने की आशा किये, अपने सबसे गरीब भाई बहनों की सेवा द्वारा ही हम ईश्वर की सेवा कर सकते हैं।

संत पापा ने एक साक्षात उदाहरण पेश करते हुए कहा कि अपने तीन बच्चों के साथ एक माँ बैठी थी पिताजी काम पर थे। वे खाना खा रहे थे ठीक उसी समय दरवाजे पर दस्तक आयी तब तीनों में से एक ने कहा, माँ वहाँ एक भिखारी है वह भोजन माँग रहा है। माँ जो एक अच्छी ख्रीस्तीय थी बच्चों से पूछा कि हम क्या करें, बच्चों ने कहा कि हम उसे खाना दे दें। तब माँ बच्चों की थाली में से आधा आधा खाना निकालने लगी किन्तु बच्चों ने पूरा खाना भिखारी को दे दिया। इस प्रकार, बच्चों ने देने के सच्चे प्यार को सीख लिया था कि अपनी आवश्यकता से बाहर की नहीं किन्तु अपनी आवश्यकता में से ही देना। इन बच्चों की तरह हमें भी अपनी आवश्यक वस्तुओं में से ही देना है। हमें अपना समय देने की आवश्यकता पड़ती है न केवल फुर्सत के क्षण किन्तु जब हमारे पास समय नहीं होता है। हमारी क्षमताओं के कारण हम तत्काल एवं बिना शर्त के बुलाये जाते हैं।

संत पापा ने माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना की कि प्रभु हमें उस कंगाल महिला के समान हृदय की दीनता किन्तु उदार, प्रसन्न एवं स्वतंत्र बनने की कृपा प्रदान करे।

इतना कहने के उपरांत उन्होंने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना समाप्त करने के पश्चात उन्होंने देश विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।

उन्होंने वाटिकन के दस्तावेजों की चोरी पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि गुप्त दस्तावेजों की चोरी एवं उनके प्रकाशन के कारण हम परेशान हैं। उन्होंने कहा, ″उन दस्तावेजों की चोरी अपराधिक एवं अनुचित कार्य है। यह एक खेदजनक कार्य है जो किसी भी तरह से मददगार नहीं है। मैंने स्वयं इसका अध्ययन करने की सलाह दी थी तथा मैं एवं मेरे सहकर्मी इसके में बारे अच्छी तरह जानते थे इसके अनुसार सुधार हेतु हमने कई कदम भी उठाया था जो सफलता की ओर आगे बढ़ रहा था। किन्तु मैं आपको बतला देना चाहता हूँ कि मैं इसके कारण सुधार के कार्य से विचलित नहीं होऊँगा। मैं अपने सहकर्मियों एवं आप सभी के सहयोग से सुधार के इस कार्य को आगे बढ़ाना चाहता हूँ, जी हाँ, पूरी कलीसिया के सहयोग से सुधार सम्भव है क्योंकि कलीसिया प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त विश्वासी की प्रार्थना एवं पवित्र जीवन के द्वारा नवीकृत किया जा सकता है। मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूँ तथा संत पापा एवं कलीसिया के लिए प्रार्थना जारी रखने का आग्रह करता हूँ। आप आशा एवं दृढ़ता के साथ आगे बढ़ने से न घबरायें।

संत पापा ने जानकारी देते हुए कहा कि आज इटली में धन्यवादी दिवस मनाया जाता हैं। इस वर्ष इसकी विषय वस्तु है, ″भूमि, सार्वजनिक वस्तु।″ मैं कृषि जगत के प्रति कृतज्ञ हूँ तथा खेती करने का प्रोत्साहन देता हूँ। आप भूमि की पैदावार को बनाये रखते तथा सभी के लिए खाद्य पदार्थ प्रदान करते हैं। वर्तमान एवं भविष्य की पीढ़ी के लिए भी।

संत पापा ने फ्लोरेंस में होने वाले 5 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में भाग लेने हेतु खुशी जाहिर करते हुए उसे एक साथ आने एवं चिंतन करने का महत्वपूर्ण अवसर कहा।

अंत में उन्होंने सभी लोगों को कलीसिया के प्रति उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया तथा शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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