2015-11-06 14:38:00

दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाना है


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 6 नवम्बर 2015 (वीआर अंग्रेजी): आधुनिक दुनिया में कलीसिया पर वाटिकन द्वितीय महासभा के प्रेरितिक दस्तावेज ‘गौदियुम एत स्पेस’ की 50 वीं जयन्ती पर, न्याय एवं शांति के लिए गठित परमधर्मपीठीय समिति ने रोम में इस सप्ताह एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया है।

दो दिवसीय इस संगोष्ठी की विषय वस्तु है ″मानवता की सेवा में युवा पीढ़ी″।

‘गौदियुम एत स्पेस’ का प्रकाशन 7 दिसम्बर 1965 को हुआ था जिसका अर्थ है आनन्द एवं आशा।

वाटिकन में वृहस्पतिवार को आरम्भ हुए विचार गोष्ठी में न्याय एवं शांति हेतु विश्वभर के युवा कार्यकर्ताओं के साथ वाटिकन द्वितीय महासभा में भाग ले चुके कई कार्डिनल तथा लोकधर्मी हिस्सा ले रहे हैं।

कार्डिनल अरिंज़े ने ‘गौदियुम एत स्पेस’ का निचोड़ आज के युवाओं के लिए प्रस्तुत करते हुए कहा कि ″ईश्वर ने हमें पृथ्वी प्रदान की है हमारा अस्तित्व एक महज मजाक नहीं है और न ही कोई खेल। हमारा धर्म हमारे दैनिक जीवन का भाग है... लोकधर्मी एक अहम भूमिका अदा करता तथा इस दुनिया को जीने के लिए एक बेहतर स्थान बनाता है।″ 

ओब्लेट फादर अद्रेयस ने दस्तावेज के रचनात्मकता और लचीलापन पर गौर करते हुए कहा कि यह एक रास्ता है जिसके द्वारा कलीसिया विश्व के अन्य संस्थाओं के साथ जुड़ती है ताकि वह ख्रीस्तीयता के संदेश को अधिक प्रासंगिक बना सके।

दस्तावेज के अनुठेपन के बारे में उन्होंने कहा कि इसके द्वारा जन साधारण एवं ग़रीब लोगों की आवाज भी समिति में सुनी एवं स्वीकार की जाती है।

फादर अद्रेयस ने कहा कि यह संगठन आज विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ जोड़ रहा है खासकर, डीजिटल एवं अन्य माध्यमों द्वारा विश्वभर में कलीसिया की सेवा कर रहा है।








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