वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 6 नवम्बर 2015 (सेदोक) जीवन सुरक्षा और जीवन विकास परम धर्मपीठीय सम्मेलन के प्रतिभागियो ने नाम संत पापा ने अपने संदेश में कहा,
प्रिय भाइयो एवं बहनो,
आप रोम और इटली के विभिन्न स्थानों से मानव जीवन को बढ़ावा देने हेतु अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने के लिए इस राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने हेतु आये हैं जो आप का जीवन के प्रति समर्पण, इसकी रक्षा और विकास को दिखाता है। मैं आप सब का सहर्ष स्वागत करता हूँ। मैं आप सबका हौसला आफजाई करता हूँ जिससे आप गर्भ से लेकर जीवन के अंतिम क्षणों तक इसकी रक्षा कर सकें।
जीवन के अस्तित्व में सभी चीजें गतिशील और आपस में एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। जीवन हमारा ईश्वर का दिया हुआ दान है जिसकी हमे रक्षा करनी है। वास्तव में, बहुत से ऐसे गरीब लोग है जिन्हें हमें ध्यान और सेवा देने की आवश्यकता है।
आपकी सेवा केवल सामाजिक सेवा नहीं है लेकिन सही और नेक सेवा है। येसु के चेलों के
लिए लोगों की सेवा, घालयों और जरूरतमदों के साथ होना और उनकी सेवा करना है जिससे उन्हें
चंगाई प्राप्त हो सके। कितने ही परिवार गरीबी, बीमारी और आवास के अभाव के कारण अतिसंवेदनशील
है। कितने ही बुजुर्ग अकेलेपन के दुःख से ग्रसित है। कितने नौजावान अपना जीवन खो देते
हैं नशा पान और अन्य गुलामी के कारणों से जो जीवन में पुनः आत्मा विश्वास को पाना चाहते
हैं। ये लोग जो शरीर और आत्मा से घायल है सुसमाचार के उस व्यक्ति के समान है जो येरुसालेम
से येरिको के रास्ते में डाकूओं के हाथ लूटा और मारा गया।
हमारे जीवन के रास्ते में कितने ही लोग दुनिया के लुटेरों के कारण अब तक घायल है जो न
केवल अपनी सम्पत्ति से लूटे गये है वरन् अपने मानवीय सम्मान से भी हाथ धो बैठे हैं।
दुःख और विपति में पड़े इन असहाय लोगों को हमारी सेवा की जरुरत है लेकिन कुछ उन्हें नकारा
देते और अपनी नजरें फेर लेते हैं जबकि कुछ उनके लिये रूकते और उदरतापूर्वक उनकी सेवा
करते हैं। जीवन के प्रति जागरूक आप, विगत चालीस वर्षों से भले समारी के कार्य को करने
का प्रयास किया है। जीवन की विभिन्न परिस्थितियों और चुनौतियों का समान करते और अपने
जीवन की परवाह किये बिना आप ने समाज में तिरस्कृत और मुश्किल में पड़े लोगों के लिए काम
किया है। “सेन्टरर्स ऑफ ऐड टु लाईफ” के माध्यम से आप ने पूरी इटली में आशा और नये जीवन
का संचार किया है।
संत पापा ने कहा, मैं आप सब का शुक्रगुजार हूँ आप के उन कामों के लिए जिन्हें आप बड़े
प्यार से करते हैं। मैं आप सब को प्रोत्साहित करता हूँ कि विश्वास के साथ आप भले समारी
के इन कामों को जारी रखें। आप उन लोगों के लिए काम और उनके जीवन की रक्षा करने से न डरे
जो अतिसंवेदनशील हैं जो अच्छा और सम्मानित जीवन जीने की चाह रखते हैं।
हमें बच्चों और महिलाओं का विशेष ख्याल करने की जरूरत है और इस संदर्भ में मैं आप से
कहूँगा कि बिना किसी भेदभाव के आप प्रवासी महिलाओं के लिये काम करें, उनका स्वागत करें
चाहे वे किसी भी मुल्क और धर्म के क्यों न हो।
मेरे प्रिय भाइयो एवं बहनो, मुझे विश्वास है कि आपके कार्यों से करुणा के पवित्र वर्ष में लोगों को विशेष लाभ और आपको आशीष मिलेगी। यह आप की अभिलाषा है कि आप दयालु बनने की चाह रखते हैं जैसा कि स्वर्गीय पिता दयालु हैं। मैं आप सब को माता मरिया के सुपुर्द करता हूँ और आपको अपनी आशीष और शुभकामनाएँ देता हूँ।
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