वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2015 (वीआर सेदोक): ″प्रिय एल सलवाडोर के सभी पुत्र-पुत्रियो, मैं बड़े हर्ष के साथ आप सभी का स्वागत करता हूँ तथा अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त करता हूँ।″ यह बात वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 30 अक्टूबर को एल सालवाडोर के 500 प्रतिनिधियों से मुलाकात करते हुए कही।
संत पापा ने एल सलवाडोर के धन्य ऑस्कर रोमेरो का स्मरण करते हुए कहा कि वे ईश्वर के प्रेम से सराबोर थे तथा अपने भाइयों के करीब। उन्होंने ईश्वर के प्रेम बलिदान को अर्पित करते हुए शहादत द्वारा सुसमाचार की घोषणा की। कलीसिया के आरम्भ से ही शहीदों ने अपने खून से विश्वास के बीज को सींचा है तथा आज भी कई ख्रीस्तीय इस आशा से अपना जीवन अर्पित कर रहे हैं कि उनकी शहादत पवित्रता, न्याय, मेल-मिलाप तथा ईश्वर के प्रेम का फल उत्पन्न करेगा।
संत पापा ने महाधर्माध्यक्ष रोमेरो के कथन की याद करते हुए कहा, ″हमें अपने विश्वास के कारण मर जाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए, हालाँकि ईश्वर सभी को यह सम्मान प्रदान नहीं करते। जीवन अर्पित करने का अर्थ केवल मर जाना नहीं है किन्तु शहादत की भावना रखना है। अपने कर्तव्यों को उदारता पूर्वक पूरा करने, दैनिक जीवन में सयम तथा प्रार्थनाओं द्वारा हम अपने जीवन को धीरे-धीरे अर्पित करते हैं।
संत पापा ने शहीदों पर ग़ौर करते हुए कहा कि वह कोई सुन्दर प्रतिमा नहीं है जिसको कलीसिया श्रृंगार के रूप में प्रयोग करती हो किन्तु शहीद हमारी ही तरह एक भाई है, एक बहन है जो हमें संतों की संगति के रहस्य में शामिल होने हेतु मदद करते हैं। वे हमें ख्रीस्त के साथ मिलाते तथा हमारी यात्रा, कष्ट एवं व्यथा की उपेक्षा नहीं करते हैं। संत पापा ने कहा कि पवित्र आत्मा की कृपा द्वारा वे ख्रीस्त के प्रतिरूप हैं।
संत पापा ने सलवाडोर के सभी प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर कहा कि धन्य ऑस्कर रोमेरो के पद्चिन्हों पर चलकर, दया की जयन्ती वर्ष में, येसु ख्रीस्त के सुसमाचार प्रचार की प्रेरिताई को नवीकृत करें जिससे कि सभी लोग यह जान लें कि मुक्तिदाता का करुणामय प्रेम, भले लोगों के हृदय एवं इतिहास को जीत लेता है। ख्रीस्त की कलीसिया में सुसमाचार का प्रचार जो साक्ष्य का अवसर प्रदान करता है देश को न्याय, सच्ची शांति तथा मन-परिवर्तन की खोज हेतु सहायता प्रदान करे।
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