वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2015 (वीआर सेदोक): ″एक अच्छा पुरोहित अपने लोगों के जीवन में सहभागी होता तथा उनकी परिस्थिति में प्रवेश करना जानता है।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।
उन्होंने कहा, ″ईश्वर दयालु हैं। हम सभी के प्रति सहानुभूति रखते हैं, वे पूरी मानव जाति पर दया करते हैं जिसके कारण उन्होंने अपने पुत्र को भेजा ताकि लोगों को चंगाई प्रदान करे तथा उन्हें नवीकृत करे।″
संत पापा ने उड़ाव पुत्र के दृष्टांत में पुत्र के प्रति उनके पिता के स्नेह को प्रस्तुत करते हुए कहा कि जब वह अपने पुत्र को आते देखता है तो दूर से ही दया से द्रवित हो जाता है। उन्होंने कहा कि पिता ईश्वर भी उसी तरह दयालु हैं वे हमें क्षमा कर देते हैं। वे बिना शर्त हम पर दया करते हैं।
हम मरते हुए कुत्ते पर दया करते हैं किन्तु ईश्वर की दयालुता भिन्न है वे पिता तुल्य स्नेह से हमारे जीवन में प्रवेश करते हैं यही कारण है कि उन्होंने हमारे लिए अपने पुत्र को भेजा।
संत पापा ने कहा कि येसु ने लोगों को चंगा किया इसलिए नहीं कि वे कोई चिकित्सक थे बल्कि इसलिए क्योंकि वे उन्हें पिता की करुणा के पात्र के रूप में देखते थे। ईश्वर अपना स्नेहिल हृदय हम सभी में डालते हैं। जब वे हमें क्षमा करते हैं तो एक पिता के रूप में क्षमा कर देते हैं न कि कानून के रक्षक के रूप में।
संत पापा ने कहा कि एक पुरोहित लोगों के जीवन में सहभागी होता है क्योंकि वह येसु के समान है। मेल-मिलाप संस्कार में हम कई बार शिकायत करते हैं कि पुरोहित समाज में क्या हो रहा है उसकी परवाह नहीं करता। संत पापा ने कहा कि वे अच्छे पुरोहित नहीं हैं। एक अच्छा पुरोहित वह है जो लोगों के जीवन में सहभागी होता है। वह मानव की सभी समस्याओं में उनके साथ होता है।
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