2015-10-29 15:35:00

ईश्वर हमें सज़ा नहीं देते केवल प्यार करते हैं यह हमारी विजय है


वाटिकन सिटी, वृहस्पतिवार 29 अक्तूबर 2015, (सेदोक) संत पापा ने वाटिकन स्थित संत मार्था प्रार्थनालाय में अपने प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान प्रवचन में कहा कि ईश्वर हमें सज़ा नहीं देते वरन् प्यार और केवल प्यार करते हैं। प्यार उनकी कमजोरी है और यह हमारी विजय है।

प्रथम पाठ पर मनन करते हुए संत पापा ने, संत पौलुस के वचनों को उद्धित करते हुए कहा, “ यदि ईश्वर हमारे साथ हैं तो कौन हमारे विरूद्ध होगा? यदि ईश्वर हमारी रक्षा करते हैं तो कौन हमें दोषी ठहरायेगा”? संत पापा ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि सुरक्षा की यह ताकत जीत दिलाती है, ख्रीस्तीयों के पास प्रेम का यह उपहार धन के समान है।” हम ख्रीस्तीय कह सकते हैं कि हम विजयी हैं, लेकिन इसका अर्थ कुछ और है। प्रेम हमारे लिए एक उपहार है क्योंकि इस प्रेम से कोई हमें अलग नहीं कर सकता जो हमें येसु ख्रीस्त में मिला है।
यह ऐसी बात नहीं है कि प्रेम के करण हम अपने शत्रुओं और पापों पर विजय होते हैं। नहीं, हम ईश्वरीय प्रेम में इस भांति जुड़े हुए हैं कि कोई भी व्यक्ति या वस्तु, कोई भी ताकत हमें ईश्वरीय प्रेम से अलग नहीं कर सकता। संत पौलुस ने ईश्वर के इस प्रेम को बहुत गहराई से अनुभव किया था। इस उपहार को देने वाले ईश्वर उनमें नये जीवन का संचार करते हैं और इस प्यार को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।

संत पापा ने कहा, “प्रत्येक नर और नारी अपने घमंण्ड और पाप के कारण ईश्वर के इस प्यार को अस्वीकार कर सकता है लेकिन प्यार के इस उपहार में ईश्वर कभी हम से अलग नहीं हो सकते।” 

हम कहते हैं कि ईश्वर शक्तिशाली हैं जो सब कुछ कर सकते हैं, लेकिन सुसमाचार में येसु येरुसलेम को देखकर रोते हैं क्योंकि उसने येसु के अनंत प्यार को नहीं समझा। येरुसलेम और हमें प्रति अपने प्रेम के इजहार में ईश्वर कहते हैं, “कितनी बार मैंनें तुम्हें अपने पंखों के तले जमा किया जैसे मुर्गी अपने चूज़ों को अपने पंखों के नीचे सुरक्षित रखती है। मैंने अपने प्रेम को इसी तरह कितनी बार व्यक्त किया लेकिन तुम सदा इसे अस्वीकार करते रहे।” संत पापा ने कहा कि संत पौलुस ईश्वर के इस प्रेम को समझते और इसीलिए वे कहते हैं की दुनिया की कोई भी शक्ति हमें ईश्वर के प्रेम से अगल नहीं कर सकती।

ईश्वर हमें प्यार और बस प्यार, पिता तुल्य कोमलता से प्यार करते हैं जैसे कि ईश वचन हमें कहता है, मुर्गी अपने चूज़ों को प्यार करती हैं। येसु रोते हैं येरुसलेम की स्थिति और हमारी स्थिति पर क्योंकि हम उनके प्यार से दूर चले जाते हैं। ईश्वर रोते हैं उनके लिए जो दुष्टता और बुरे कामों में संलिप्त हैं जो मानवता को हानि पहुँचाते हैं। हम येसु के रोने को दोषी न ठहराएँ क्योंकि वे हमारे प्रेम के कारण रोते हैं।








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